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Last Updated : मंगलवार, 5 सितम्बर 2017 (15:17 IST)

ए वेडनसडे: आम आदमी की कहानी को हुए 9 साल

ए वेडनसडे: आम आदमी की कहानी को हुए 9 साल - ए वेडनसडे: आम आदमी की कहानी को हुए 9 साल
नसीरुद्दीन शाह और अनुपम खेर जैसे लाजवाब और अनुभवी एक्टर्स के साथ बनी फिल्म 'ए वेडनसडे' बॉलीवुड की शानदार फिल्मों में से एक है। 2008 में आई इस थ्रिलर फिल्म की कहानी, डायरेक्शन, कलाकारों ने पूरे देश के लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया था। याद है वो लाइन जो नसीरुद्दीन शाह ने फिल्म में कही थी- 'घर में कॉकरोच आता है तो आप क्या करते हैं राठौड़ साहब? आप उसको पालते नहीं मारते हैं'। ऐसे ही कुछ बेहतरीन डायलॉग्स और विचारों से भरी इस फिल्म का कोई तोड़ नहीं। इस फिल्म को 5 सितंबर को रिलीज हुए पूरे नौ साल हो गए हैं। लेकिन इसका असर अब तक लोगों के दिमाग पर बना हुआ है। पेश है फिल्म से जुड़े कुछ तथ्य: 
 
- फिल्म 'ए वेडनसडे' की कहानी लिखी नीरज पांडे ने लिखी थी। इसको लिखने के बाद उन्होंने स्क्रिप्ट भेजी सीधे नसीरुद्दीन शाह और अनुपम खेर को। नीरज पांडे की यह डायरेक्शन के तौर पर पहली ही फिल्म थी। दोनों एक्टर्स के हां होने के बाद नीरज ने निर्माता अंजुम रिजवी से संपर्क किया। इसके बाद यूटीवी मोशन पिक्चर्स ने फिल्म के राइट्स रिजवी और पांडे से खरीद लिए।  
 
- इस फिल्म की सफलता के बाद कमल हासन ने इस फिल्म को तमिल में बनाने के लिए यूटीवी से इसके राइट्स खरीदे। 
 
- फिल्म कम बजट पर बनाई गई थी, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने लागत से कई गुना ज्यादा कमाया। आलोचकों ने बिना हिचकिचाएं इस फिल्म की जमकर सराहना की थी। 
 
- फिल्म की सफलता के साथ ही इसने कई अवॉर्ड्स भी जीते हैं। 
56वां इंदिरा गांधी अवॉर्ड फॉर बेस्ट फर्स्ट फिल्म ऑफ अ डायरेक्टर - नीरज पांडे 
स्टार स्क्रीन अवॉर्ड्स बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्टोरी, मोस्ट प्रोमिसिंग डेब्यु डायरेक्टर - नीरज पांडे 
इसके अलावा यह फिल्म कई अवॉर्ड फंक्शंस में अलग अलग कैटेगरी में नॉमिनेट भी हुई है। 
 
- इस फिल्म की कहानी 11 जुलाई 2006 के मुम्बई ट्रेन बॉम्बिंग्स से प्रेरित थी। फिल्म में अनुपम खेर का किरदार, मुंबई पुलिस के राकेश मारिया से प्रेरित था।
  
- फिल्म की कास्टिंग से लेकर पूरा करने तक लगभग आठ महीनों का समय लगा था। इसे शूट के लिए 28 दिन लगे थे। आतंकवादी के 'वर्कस्टेशन' के लिए मुंबई स्थित एक 25 मंजिला अंडरकंस्ट्रक्शन बिल्डिंग को चुना गया। उस वक़्त बिल्डिंग में कोई लिफ्ट नहीं थी, इसलिए ट्रॉली लगाई गई थी। नसीर हर दिन 25 मंजिल चढ़कर जाते थे। 
 
- हिंदी के बाद इस फिल्म को तमिल और तेलुगु में बनाया गया था। यूटीवी ने एशिया मीडिया और जेमिनाई मीडिया को फिल्म के अधिकारों को बेच दिया और इसका अंग्रेज़ी वर्ज़न बना 'ए कॉमन मैन' के नाम से। 
 
- 'ए वेडनसडे' कम कलाकार, बिना गाने, रोमांस, कम बजट, बिना प्रमोशन होने के बावजूद इतनी सफल इसलिए रही क्योंकि उन्होंने सच्ची कहानी दर्शाई थी।  
 
- 'ए वेडनसडे' में अनुपम खेर और नसीरुद्दीन शाह जैसे बेहतरीन बॉलीवुड कलाकार थे, उनका साथ दिया जिमी शेरगिल और आमिर बशीर ने। यह फिल्म आम आदमी के साथ किए गए अन्याय और उसके बारे में बहुत गुस्से पर सवाल उठाती है कि आतंकवादी हमलों को अब तक खत्म क्यों नहीं कर पाए हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि यह हिंसा सामान्य लोगों को कैसे प्रभावित करती है। 
 
- फिल्म में नसीरुद्दीन शाह के किरदार का नाम नहीं बताया गया। बिना किसी राजनीतिक या सामाजिक रुख करने के बजाए वे सिर्फ एक अच्छी कहानी बताना चाहते थे और वे सफल हुए। 
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