चिराग पासवान बिहार में अकेले लड़ेंगे विधानसभा चुनाव?
बिहार में NDA में शीट शेयरिंग का मसला उलझा,35-40 सीटों पर चुनाव लड़ने पर अड़े चिराग पासवान
बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर NDA गठबंधन में फूट पड़ती दिख रही है। मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री और लोकजनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के अपनी पार्टी के लिए 35-40 सीटों की मांगों को लेकर सीटों के बंटवारे का पूरा फॉर्मूला उलझ गया है। इस बीच बुधवार को अपने पिता रामविलास पासवान की पुष्यतिथि पर चिराग पासवान की सोशल मीडिया पर एक पोस्ट ने बिहार के सियासी पारे को और बढ़ा दिया है। चिराग पासवान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पिता रामविलास पासवान की फोटो के साथ एक पोस्ट कर लिखा कि पापा हमेशा कहा करते थे,"जुर्म करो मत, जुर्म सहो मत। जीना है तो मरना सीखो, कदम-कदम पर लड़ना सीखो।" कुछ कहने बताने का मतलब नहीं है।
चिराग पासवान की इस पोस्ट से बिहार चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर उनकी नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है। चिराग पासवान आज पिता की पुष्यतिथि पर अपने गृह ग्राम खगाड़िया में है और अपने समर्थकों के साथ शक्ति प्रदर्शन कर रहे है। वहीं चिराग पासवान ने मीडिया से बात करते हुए लिखा कि अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लक्ष्य को मैंने कभी टूटने नहीं दिया. उनके जाने के बाद विपरीत परिस्थियां भी आईं. पार्टी को साल 2020 में अकेल चुनाव लड़ना पड़ा था. उस परिस्थिति का भी मैंने मजबूती से सामना किया. अकेले चुनाव लड़ा. जो परिणाम बिहार की जनता ने दिए, उन्हें सिर आंखों पर रखा. बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट की सोच को आगे बढ़ाता रहा।
धर्मेंद्र प्रधान से चिराग पासवान से दूरी- मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से दूरी बनाने की खबरों ने NDA खेमे में बैचेन बढ़ा दी है। मंगलवार को दिल्ली में सीट बंटवारें को लेकर धर्मेंद्र प्रधान से हुई बैठक में कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद अब चिराग पासवान ने चुनाव में सीटो के बंटवारे को लेकर अपने बहनोई और सांसद अरुण भारती को आगे किया है जो सीट बंटवारे को लेकर भाजपा से चर्चा करेंगे।
दिल्ली में धर्मेंद्र प्रधान सहित बिहार भाजपा के बड़े नेताओं से चर्चा के बाद चिराग पासवान ने कहा कि बातचीत अभी शुरुआती दौर में है. उन्होंने कहा कि बातचीत को पूरा होने दीजिए. समय आने पर ही कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब तक सारी चीज़ें क्लियर नहीं हो जातीं, तब तक कुछ भी बताने का कोई उद्देश्य नहीं है. उन्होंने बार-बार कहा कि वह कुछ नहीं कर सकते हैं।
सीट शेयरिंग पर क्यों उलझा मसला?- बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की नाराजगी की वजह उनकी 35-40 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग है। बिहार की राजनीति में दलित वोट बैंक और पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शश के आधार पर चिराग 35-40 सीटों की माग कर रहे है। “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट के नारे के साथ बिहार की चुनावी राजनीति में कूदने वाले चिराग पासवान 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीतीं पांच सीटों में से हर सीट पर दो विधानसभा के अलावा उन सीटों पर भी दावेदारी कर रहे जिस पर वर्तमान में भाजपा और नीतीश की पार्टी जेडीयू के विधायक है।
क्या अकेले चुनाव में उतरेंगे चिराग पासवान?- बिहार में 9 अक्टूबर से पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन शुरु होना है और अभी भी NDA में सीट बंटवारे का मसला उलझा हुआ है। वहीं अब चिराग पासवान ने जिस तरह से तेवर दिखा रहे उससे इस बात की संभावना बढ़ने लगी है कि चिगाग पासवान 2020 के विधानसभा चुनाव की तरह अकेले चुनावी मैदान में उतर सकते है। ऐसा नहीं है कि चिराग पासवान ने इसके संकेत चुनाव के एलान से पहले भी कई बार अपने मंचों से दिए थे। वहीं आज मीडिया से बात करते चिराग पासवान ने कहा कि अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लक्ष्य को मैंने कभी टूटने नहीं दिया उनके जाने के बाद विपरीत परिस्थियां भी आईं। पार्टी को साल 2020 में अकेल चुनाव लड़ना पड़ा था. उस परिस्थिति का भी मैंने मजबूती से सामना किया। अकेले चुनाव लड़ा, जो परिणाम बिहार की जनता ने दिए, उन्हें सिर आंखों पर रखा. बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट की सोच को आगे बढ़ाता रहा।