Bihar Assembly Elections 2020: नीतीश सरकार के अनुभवी मंत्रियों को चुनौती देंगे नए सिपाही
पटना। बिहार में प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में शामिल मंत्रियों को महागठबंधन तथा अन्य राजनीतिक दलों के नए सिपाही चुनौती देने जा रहे हैं।
लखीसराय जिले की लखीसराय सीट से श्रम संसाधन मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा चुनावी संग्राम में फिर से उतर आए हैं। वहीं, महागठबंधन के घटक कांग्रेस ने अमरेश कुमार अनीस को चुनावी समर में उतारा है, जो अपनी राजनतिक पारी का आगाज कर रहे हैं। पूर्व विधायक फुलेना सिंह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोंक रहे हैं।
वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विजय कुमार सिन्हा ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रत्याशी रामानंद मंडल को 6556 मतों के अंतर से पराजित किया था। रामानंद मंडल इस बार लखीसराय जिले की सूर्यगढ़ा सीट से जदयू की टिकट पर भाग्य आजमां रहे हैं।
कैमूर जिले की चैनपुर सीट से खनन मंत्री और भाजपा के निवतर्मान विधायक बृजकिशोर बिंद की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है। महागठबंओर से कांगेस ने प्रकाश कुमार सिंह को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है, जो पहली बार चुनावी दंगल में उतरे हैं और भाजपा प्रत्याशी को चुनौती दे रहे हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में बिंद ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रत्याशी मोहम्मद जमां खान को बेहद कड़े मुकाबले में महज 671 मतों के अंतर से पराजित किया था। इस बार के चुनाव में भी बसपा ने मोहम्मद जमां खान को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। मुंगेर जिले की जमालपुर विधानसभा सीट से ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेष कुमार जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के टिकट पर फिर से चुनावी दंगल में ताल ठोंक रहे हैं।
महागठबंधन की ओर से कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजय कुमार सिंह को चुनावी समर में उतारा गया है, जो पहली बार सत्ता के संग्राम में अपनी बाजी खेल रहे हैं। जदयू से बागी दुर्गेश सिंह लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के टिकट पर चुनाव लड़कर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में लगे हैं। वर्ष 2015 के चुनाव में शैलेष कुमार ने लोजपा उम्मीदवार हिंमाशु कुमार को 15478 मतों के अंतर से मात दी थी।
रोहतास जिले की दिनारा सीट से निवर्तमान विधायक और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह फिर से जदयू के टिकट पर चुनावी अखाड़े में उतर आए हैं। वहीं, राजद की ओर से विजय कुमार मंडल पहली बार सियासी रणभूमि में हैं, वहीं भाजपा से बागी राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर लोजपा का दामन थाम लिया और इस सीट से चुनावी समर में किस्मत आजमा रहे हैं।
वर्ष 2015 में जदयू प्रत्याशी सिंह ने भाजपा उम्मीदवार राजेन्द्र प्रसाद सिंह को 2691 मतों के अंतर से पराजित किया था। दोनों धुरंधर राजनेताओं के बीच कांटे का मुकाबला फिर से देखने को मिल सकता है। लखीसराय, चैनपुर, जमालपुर और दिनारा सीट पर जहां महागठबंधन के नए सूरमा नीतीश मंत्रिमंडल के मंत्रियों को चुनौती दे रहे हैं वहीं गया नगर, राजपुर (सु), जहानाबाद, और बांका सीट पर अन्य राजनीतिक दलों के नए प्रत्याशी मंत्री को पटखनी देने को बेताब है। गया जिले की गया नगर सीट से भाजपा के कद्दावर नेता और कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार यहां से पिछले 30 साल से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं।
वर्ष 1990 से लेकर अब तक डॉ. कुमार लगातार सात बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं और एक बार फिर भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। वहीं, कांग्रेस ने शहर के उप महापौर अखौरी ओंकारनाथ वास्तव उर्फ मोहन वास्तव को पार्टी का प्रत्याशी बनाया है। रालोसपा के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे रणधीर कुमार केसरी, कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार को चुनौती दे रहे हैं।
वर्ष 2015 में डॉ. कुमार ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रियरंजन को 22780 मतों के अंतर से मात दी थी।
बक्सर जिले के राजपुर (सु) विधानसभा क्षेत्र से जदयू के टिकट पर निवर्तमान विधायक और परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला फिर से चुनाव लड़ रहे हैं वहीं बसपा ने संजय राम को चुनावी दंगल में उतार दिया है, जो सियासी रणभूमि में पहली बार बाजी खेल रहे हैं।
कांग्रेस के टिकट पर विश्वनाथ राम चुनावी अखाड़े में उतर आए हैं। पिछले चुनाव में निराला ने भाजपा उम्मीदवार विश्वनाथ राम को 32788 मतों के अंतर से मात दी थी। बांका जिले की बांका सीट से भाजपा ने राजस्व मंत्री रामानायाण मंडल को फिर से चुनावी अखाड़े में उतारा है वहीं राजद ने पूर्व मंत्री जावेद इकबाल अंसारी को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।
रालोसपा के टिकट पर कौशल कुमार सिंह पहली बार चुनावी दंगल में उतरकर मंडल को चुनौती दे रहे हैं। पिछले चुनाव में मंडल ने राजद के जफरुल होदा को कड़े मुकाबले में 3730 मतों के अंतर से परास्त किया था।
वहीं, जहानाबाद जिले की जहानाबाद सीट से शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा जदयू के टिकट पर चुनावी संग्राम में उतर आए हैं।
भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज इंदु कश्यप भाजपा के कमल का साथ छोड़कर लोजपा में शामिल हो गईं और इस सीट से शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा को चुनौती दे रही है। इंदु कश्यप पहली बार चुनावी रणभूमि में किस्मत आजमां रही है। वर्ष 2015 में वर्मा ने घोसी सीट से चुनाव से किस्मत आजमाई थी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) उम्मीदवार राहुल कुमार को 21625 मतों के अंतर से मात दी थी, वहीं जहानाबाद सीट से 2015 के चुनाव में राजद प्रत्याशी मुंद्रिका सिंह यादव ने बीएलएसपी प्रत्याशी प्रवीण कुमार को 30321 मतों के अंतर से पराजित किया था। यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनके पुत्र सुदय यादव ने इस क्षेत्र पर राजद का कब्जा बरकरार रखा। इस बार राजद ने फिर से सुदय यादव को चुनावी समर में उतारा है। (वार्ता)