मुँहासे युवावस्था की दुखदायी और चिंतनीय बीमारी बन गई है। मुँहासे होने पर युवक-युवतियों में मानसिक तनाव तथा अवसाद हो जाना स्वाभाविक है, अतः इसकी उपेक्षा भी ठीक नहीं है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति स्वयं अथवा डॉक्टर की सलाह से कई प्रकार की क्रीम, लोशन अथवा दवा का उपयोग करते हैं। इनके उपयोग से रोग कुछ समय के लिए दब जरूर जाता है, लेकिन स्थायी समाधान नहीं मिलता।
1. हार्मोन्स संस्थान में परिवर्तन तथा हार्मोन्स में विकार का उत्पन्न होना।
2. महिलाओं में मासिक धर्म अनियमित होना।
3. खान-पान की गलत आदतें।
4. अशुभ चिंतन, तनाव अनिद्रा।
5. उत्तेजना। 6. क्रोध, भय, चिंता।
7. शारीरिक गंदगी का त्वचा आदि के द्वारा पसीने के रूप में पर्याप्त मात्रा में बाहर न निकलना।