मेरी बहन लेडीज कंपार्टमेंट में यह सोच कर यात्रा कर रही थी कि वह सुरक्षित है'। यह कहना है कोच्चि से घर जा रही उस युवती के भाई का जिसके साथ अनहोनी घटी।
केरल के कोच्चि शहर की एक निजी कंपनी में काम करने वाली यह 23 वर्षीय लड़की अपनी शादी तय हो जाने पर अपने घर जाने के लिए निकली।
उसने एर्नाकुलम एक्सप्रेस ट्रेन में अपना आरक्षण महिलाओं के डिब्बे में कराया-यह सोच कर कि वह वहाँ सुरक्षित रहेगी...संयोग से उस डिब्बे में वह अकेली थी।
देर रात गए एक व्यक्ति डिब्बे में दाखिल हुआ और अकेली युवती को देख उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। थोड़ी ही देर में वह युवती बलात्कार का शिकार बन गई।
कोई सुरक्षकर्मी नहीं था : उस पूरे दौरान उस डिब्बे में कोई सुरक्षाकर्मी या गार्ड मौजूद नही था। अपनी हवस मिटाने के बाद बदहवास उस व्यक्ति ने इस लड़की को चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया।
पुलिस ने बताया कि यह युवती वलाथोल और शोरनुर रेलवे स्टेशनों के बीच पटरियों के किनारे खून से लथपथ मिली थी। इस समय वह अस्पताल के आपात्कालीन कक्ष में है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
पुलिस का कहना है कि इस मामले में अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।