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Written By BBC Hindi
Last Modified: मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023 (07:59 IST)

तुर्की: जब भूकंप से घिरे शख़्स ने कहा, आओ सब एक ही जगह एक साथ मरते हैं

तुर्की: जब भूकंप से घिरे शख़्स ने कहा, आओ सब एक ही जगह एक साथ मरते हैं - Turkey earthquake : When man says, lets die together
"मैंने अपने जीवन में ऐसा कुछ नहीं देखा था। हम लगभग एक मिनट तक इधर से उधर झूलते रहे।" यह कहना है दक्षिणी तुर्की के शहर अदाना के रहने वाले नीलोफ़र असलान का जो आज सुबह तुर्की समेत सीरिया और लेबनान में आने वाले भीषण भूकंप की भयावहता के बारे में बात कर रहे थे।
 
तुर्की के शहर अदाना में असलान ने बीबीसी को भूकंप के समय के बारे में बताया, "जब अपार्टमेंट हिलने लगा तो मुझे लग गया था कि अब मेरा परिवार नहीं बचेगा। मुझे लगा हम भूकंप में मर जाएंगे।"
 
उन्हें दूसरे कमरों में रह रहे अपने रिश्तेदारों को पुकारने की बात याद है। वह कहते हैं, ''मैंने कहा यह तो भूकंप है, आओ कम से कम हम एक साथ एक ही जगह मरते हैं। बस यही बात मेरे दिल में आई।"
 
जब भूकंप थम गया तो असलान बाहर भागे और उन्होंने देखा कि उनके आसपास की चार इमारतें धराशायी हो चुकी हैं। उन्होंने बताया, "मैं भागते समय अपने साथ कुछ नहीं ले सका, सिर्फ चप्पल में बाहर निकला था।"
 
तुर्की के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र ग़ाज़ी अंतेप में सोमवार की सुबह 7.8 तीव्रता वाले भूकंप में सैकड़ों लोगों की जान चली गई और अनेक इमारतें ज़मीन पर आ गिरीं।
 
अफरातफरी के बीच राहत का काम जारी
तुर्की के गृह मंत्री सुलेमान सुवेलो के अनुसार इस भयावह भूकंप से 10 शहरों में तबाही हुई है जिनमें ग़ाज़ी अंतेप, क़हरमान, मरअश, हताए, उस्मानिया, आदयामान, मालातिया, शानलीअरफ़ा, अदाना, दयार बकर और कीलीस शामिल हैं।
 
उस्मानिया के गवर्नर ने कहा कि राज्य में 34 इमारतें तबाह हुई हैं। तुर्की से ऐसी अनेक ऑनलाइन वीडियो शेयर किए गए हैं जिनमें रिहायशी इमारतें गिरती हुई देखी जा सकती हैं जबकि राहत कर्मचारी मलबे तले दबे लोगों की तलाश में लगे हुए हैं।
 
भूकंप के तुरंत बाद बीबीसी ने तुर्की समेत आसपास के दूसरे देशों में इस ज़लज़ले में ज़िंदा बच जाने वाले कुछ लोगों से बात करके इसकी भयावहता जानने की कोशिश की है।
 
"हमारे सामने इमारत की खिड़कियां टूट गईं"
तुर्की के शहर मालातिया में रहने वाली 25 वर्षीय ओज़गुल कोनाकची का कहना है कि वो भूकंप से तो बच गईं लेकिन उसके बाद का असर और सर्द मौसम उनके लिए मुसीबत है।
 
कोनाकची ने बीबीसी तुर्की को बताया, "मलबे के अंदर लोगों की तलाश और बचाव की कोशिशें जारी हैं। यहां बहुत सर्दी है और इस समय बर्फ़बारी हो रही है। हर कोई सड़कों पर है, लोग परेशान हैं कि क्या करें। हमारी आंखों के सामने भूकंप के प्रभाव से एक इमारत की खिड़कियां टूट गई थीं।"
 
जब भूकंप आया तो कोनाकची और उनके भाई सोफ़े पर सो रहे थे। उन्होंने बताया, "हमने एक दूसरे की तरफ़ देखा और पूछा कि क्या तुम हिल रहे हो? मैंने लैंप की तरफ़ देखा, ऐसा लग रहा था कि वह गिर पड़ेगा। जैसे ही हमारा तीन साल का भतीजा कमरे में आया, हमने सोफ़े से छलांग लगा दी।"
 
उन्होंने कहा कि उनकी इमारत को नुक़सान पहुंचा है और आसपास की पांच इमारतें गिर गई हैं। शहर में ट्रैफ़िक जाम है क्योंकि लोग आफ़्टरशॉक के कारण इमारतों से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं।
 
"मुझे ऐसा लगा जैसे मैं बच्चे के झूले में हूं"
तुर्की के अलावा सीरिया के लोगों ने भी सुबह-सवेरे आने वाले विनाशकारी भूकंप के बाद अपने डर और अपनी बेचैनी के बारे में बात की है।
 
सीरिया की राजधानी दमिश्क़ के एक नागरिक समर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि घर की दीवारों से पेंटिंग्स गिर पड़ीं। "मैं घबरा कर उठ बैठा। इसके बाद हम सब कपड़े पहनकर दरवाज़े पर खड़े थे।"
 
तुर्की के शहर ग़ाज़ी अंतेप के निवासी अरदम ने भूकंप के समय की स्थिति को बताते हुए कहा, "मैं ख़ुद को बच्चे के झूले में महसूस कर रहा था। उन्होंने फ़ोन पर रॉयटर्स को बताया, "मैंने चाालीस बरस में कभी ऐसा कुछ महसूस नहीं किया। हर कोई अपनी गाड़ियों में बैठा है या फिर इमारतों से दूर खुली जगह पर गाड़ी ले जाने की कोशिश कर रहा है। मुझे लगता है कि ग़ाज़ी अंतेप में एक भी आदमी अब अपने घर में नहीं होगा। "
 
"मेरे इर्द-गिर्द तबाह हो चुकी इमारतें हैं, घरों में आग लगी हुई है"
तुर्की के शहर पज़ारचक में एक और व्यक्ति ने बताया कि उनका परिवार भूकंप के तेज़ झटकों से जागा हुआ था और नुक़सान का अंदाज़ा लगाने के लिए उन्होंने सर्दी और बेचैनी की हालत में सूरज निकलने का इंतज़ार किया।
 
निहाद आलतंदाग़ ने 'द गार्डियन' अख़बार को बताया, "मेरे इर्द-गिर्द तबाह हो चुकी इमारतें हैं, घरों में आग लगी हुई है। ऐसी इमारतें हैं जिनमें दरारें पड़ रही हैं। जहां मैं अब हूं वहां बस 200 मीटर की दूरी पर एक इमारत गिरी है। लोग अब भी बाहर हैं और सब बुरी तरह डरे हुए हैं।"
 
पूरी इमारत कांप रही थी, मुझे लगा कोई धमाका हुआ: लेबनानी छात्र
भूकंप की केंद्रीय जगह से लगभग 450 किलोमीटर दूर लेबनान की राजधानी बेरूत के एक छात्र ने बताया, "मैं कुछ लिख रहा था कि अचानक पूरी इमारत कांप उठी। मुझे लगा कि कोई ज़ोरदार धमाका हुआ है।"
 
उसका कहना था, "मैं खिड़की के पास खड़ा था और मुझे डर था कि यह टूट जाएगी। भूकंप के झटके रुक-रुक कर चार से पांच मिनट तक जारी रहे और यह ख़ौफ़नाक मंज़र था।"
 
दायर बकर में बीबीसी के संवाददाता ने बताया कि शहर में एक शॉपिंग मॉल गिरकर तबाह हो गया है। बीबीसी के प्रोड्यूसर रुश्दी अबुलऔफ़ कहते हैं कि जिस घर में वो रह रहे थे वह 45 सेकंड तक हिलता रहा।
 
तुर्की दुनिया के सबसे अधिक सक्रिय भूकंप वाले क्षेत्रों में से एक क्षेत्र में स्थित है। साल 1999 के दौरान तुर्की के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में एक बड़े भूकंप में 17 हज़ार से अधिक लोग मारे गए थे।
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