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Written By BBC Hindi

प्रशांत भूषण को बाबा रामदेव से क्यों मांगनी पड़ी माफ़ी?

Prashant Bhushan | प्रशांत भूषण को बाबा रामदेव से क्यों मांगनी पड़ी माफ़ी?
जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने योग गुरु बाबा रामदेव से माफ़ी मांगी है। प्रशांत भूषण ने अपने उस ट्वीट को लेकर माफ़ी मांगी है जिसमें डिफॉल्टर और क़र्ज़माफ़ी को लेकर रामदेव का ज़िक्र किया था।
उन्होंने एक ट्वीट करके कहा, 'बाबा रामदेव से माफ़ी। मैंने पहले एक पोस्टर ट्वीट किया था जिसमें उनका ज़िक्र बतौर डिफॉल्टर किया था जिनका क़र्ज़ माफ़ कर दिया गया। यह पोस्टर एक पोर्टल की ख़बर पर आधारित था जिसमें रुचि सोया को डिफॉल्टर बताया गया था और उनका नाम भी जोड़ा गया था। बाद में मुझे पता चला कि वो (बाबा रामदेव) इसे ख़रीदने की कोशिश कर रहे हैं।'
 
प्रशांत भूषण के ट्वीट पर सोशल मीडिया पर उनकी काफ़ी आलोचना हुई। लोगों ने उनका मज़ाक़ भी उड़ाया। मामला गरमाया तो बाद में प्रशांत भूषण ने वो ट्वीट डिलीट कर दिया। दरअसल, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने एक आरटीआई के जवाब में बैंकों के विलफुल डिफॉल्टर्स की जो लिस्ट दी है, उनके ख़िलाफ़ सरकार पहले ही कार्रवाई कर चुकी है और इसकी जांच जारी है।
सरकार का कहना है कि आरबीआई की ओर से दी गई लिस्ट में जिन 50 डिफॉल्टर्स कंपनियों को शामिल किया गया है, उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज किए जाने के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से भी कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
 
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को ट्वीट करके जानकारी दी कि सरकार क़र्ज़ वसूली के लिए अब तक विलफुल डिफॉल्टर्स पर 9967 रिकवरी सूट, 3515 एफ़आईआर दर्ज करने के साथ ही सरकार भगोड़ा संशोधन अधिनियम का भी इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या के मामलों में कुर्की और बरामदगी के ज़रिए अब तक कुल 18,332.7 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं।
फ़ाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ आरबीआई ने एक आरटीआई के जवाब में बताया कि 30 सितंबर 2019 तक 50 विलफुल डिफॉल्टर्स को दिया गया कुल लोन 68,607 करोड़ रुपए था। गीतांजलि जेम्स, आरईआई एग्रो और विनसम डायमंड्स एंड ज्वेलरी 3 शीर्ष विलफुल डिफॉल्टर्स कंपनियां हैं।
 
गीतांजलि जेम्स पर 5,492 करोड़ रुपए, आरईआई एग्रो लिमिटेड पर 4,314 करोड़ रुपए और विनसम डायमंड एंड ज्वेलरी पर 4,076 करोड़ रुपए का क़र्ज़ है। हालांकि संकेत गोखले की ओर से फ़ाइल की गई आरटीआई के जवाब में सेंट्रल बैंक ने 16 फ़रवरी 2020 तक के सभी विलफुल डिफॉल्टर्स के नाम देने से इंकार कर दिया और कहा कि इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है।
 
50 शीर्ष विलफुल डिफॉल्टर्स की लिस्ट में रुचि सोया इंडस्ट्रीज़ का भी नाम शामिल है जिसका मामला इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत निपटा लिया गया है।
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