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Written By BBC Hindi
Last Updated : बुधवार, 3 जून 2020 (09:30 IST)

चक्रवाती तूफ़ान से बचाव के लिए आम लोगों को क्या करना चाहिए?

चक्रवाती तूफ़ान से बचाव के लिए आम लोगों को क्या करना चाहिए? - Nisarg Storm may hit Maharashtra and Gujarat
कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 महामारी से जूझ रहे महाराष्ट्र और गुजरात पर चक्रवाती तूफ़ान निसर्ग का खतरा मंडरा रहा है। अरब महासागर में लो प्रेशर बेल्ट बनने की वजह से इस चक्रवात के मुंबई को प्रभावित करने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि अब तक यह तय नहीं है कि यह मुंबई पहुंचेगा या अपना रास्ता बदल लेगा। आशंका जताई गई है कि यह मुंबई से सौ किलोमीटर दूर अलीबाग़ के तट से टकरा सकता है।

मौसम विभाग ने इसके 3 जून को उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटीय इलाक़ों से टकराने की चेतावनी दी है और इसी के मद्देनज़र मुंबई प्रशासन की तरफ़ से लोगों को सावधानी बरतने का निर्देश दिया गया है। मौसम विभाग ने निसर्ग तूफ़ान के बुधवार यानी 3 जून को मुंबई, मुंबई उपनगर, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग ज़िले के तटवर्ती इलाक़ों से गुज़रने की आशंका जताई है। तूफ़ान के दौरान 100 से 120 किलो मीटर की रफ़्तार से तेज़ हवा चलने और साथ ही इससे जान माल को हानि पहुंचने की संभावना जताई गई है।

मुख्यमंत्री ने की लोगों से घरों में रहने की अपील
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से दो दिनों तक घरों के भीतर ही रहने की अपील की है। मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफ़ान निसर्ग बुधवार को महाराष्ट्र से टकराएगा। बीते सौ से अधिक सालों में ये पहली बार है जब तूफ़ान मुंबई से टकरा सकता है। मुंबई पहले से ही कोरोना महामारी की मार झेल रहा है। ऐसे में तूफ़ान से हुआ नुक़सान मुश्किलों को और बढ़ा सकता है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, राज्य ने जो तूफ़ान अब तक झेले हैं, ये तूफ़ान उनसे तेज़ हो सकता है। कल और परसो तटीय इलाक़ों के लिए अहम दिन हैं। जो गतिविधियां खोली गई हैं उन्हें अगले दो दिनों के लिए बंद किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से तूफ़ान को लेकर बात की है और केंद्र की ओर से मदद का भरोसा दिया है। मौसम विभाग ने इस चक्रवाती तूफ़ान से बचाव और इसका सामना करने के लिए कुछ उपाय भी सुझाए हैं।

आम लोगों को क्या करना चाहिए?
आमजन अपने घर की खिड़की, दरवाज़े और फ़र्श को चेक करें, ये अगर ख़राब स्थिति में हों तो उसे तुरंत ठीक करने का उपाय करें।घर के आसपास के इलाक़े की स्थिति पर ध्यान दें। मुरझाए, मरे हुऐ पेड़ उखाड़ फेकें। घर पर लकड़ी की पट्टी रखें। जिसका इस्तेमाल खिड़की को मज़बूती से बन्द करने या ढंकने में किया जा सकता है।

अगर लकड़ी नहीं है, तो खिड़की को कागज़ लगाकर रखें। ताकि तेज़ हवा से अगर कांच टूटा तो ज़मीन पर न फैले।
टॉर्च की अतिरिक्त बैटरी लेकर रखें और साथ ही लैम्प या लालटेन भी ताकि बिजली चली जाए तो घर में रोशनी का प्रावधान बरकरार हो। ख़तरनाक या जर्जर इमारतों से दूर रहें। घर मे हमेशा रेडियो चलाते रहें।

रेडियो पर मौसम की जानकारी मिलती रहती है। उसे ध्यान से सुनते रहें। आसपास के लोगों को वह जानकारी देते रहें। सिर्फ़ अधिकृत जानकारी ही दें। समुंदर किनारे बिल्कुल भी न जाएं। ऊंची जगहों पर समय से पहुंचें। अगर आपका घर ऊंचाई पर है तो आप सबसे ज़्यादा सुरक्षित हैं।

फिर भी अगर आपको सुरक्षित जगह जाने को कहा जाए तो सूचना का पालन करें। पीने का पानी और स्नैक्स वगैरह जैसी चीज़ें अपने पास रखें। जिस नदी में बाढ़ आती रहती है, वहां से दूर रहें। अगर आपका घर ख़तरे के दायरे में है, तो नुकसान कम करने के लिए मूल्यवान चीज़ों को सम्भालकर रखें।

खेती के औजार जैसी चीज़ें तूफ़ान के दौरान ख़तरनाक साबित हो सकती हैं। ऐसी चीजों को सुरक्षित जगह पर रखें। तूफ़ान के दौरान संयम बनाए रखें। अफवाह न फैलाएं। असामाजिक तत्त्वों की ख़बर पुलिस को दें। गाड़ी चलाते समय सतर्क रहें।

अगर आपका कुछ नुकसान हुआ, तो उसकी जानकारी प्रशासन को दें। आपदाग्रस्त इलाक़े में फंसें लोगों की जानकारी उनके रिश्तेदारों को पहुंचाएं। अभी कोरोना का संकट भी है। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। अगर प्रशासन ने आपको कहीं रखा है, तो वहां भीड़ न करें। लोगों से सुरक्षित अंतर बनाए रखें।

अफ़वाहों पर ध्यान न दें। अगर प्रशासन ने आपको कहीं रखा है तो जब तक आपसे न कहा जाए आप उस सुरक्षित जगह से न हटें। तूफ़ान शांत होने के बाद भी सुरक्षित जगह न छोड़ें। तूफ़ान गुज़रने के बाद इस बात का खास ख्याल रखें कि रास्ते पर लटकती तारों, वायर्स को न छुएं।
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