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Last Updated : बुधवार, 28 जनवरी 2015 (12:51 IST)

यह आदमी आपको मंगल पर भेज सकता है

यह आदमी आपको मंगल पर भेज सकता है - Mars One
क्या आपको लगता है कि मंगल ग्रह की यात्रा पर जाने के लिए आपके पास जरूरी योग्यता है?

एक निर्जीव और सुदूर दुनिया की बेहद खतरनाक यात्रा, अपने परिवार को सदा के लिए अलविदा कहना, एक ऐसे ग्रह को छोड़कर जिसे हम अपना घर कहते हैं...लगभग 22.5 करोड़ किलोमीटर की यात्रा पर जाना, जहां से लौटने का टिकट नहीं मिलता।

मुश्किलें जानने के बावजूद दुनिया भर से दो लाख से अधिक लोगों ने लाल ग्रह पर स्थायी रूप से बसने के लिए पंजीकरण कराया है। निजी खर्चे पर मंगल ग्रह की सैर के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का नीदरलैंड्स का संगठन मार्स वन कर रहा है और चुनाव करने वाले से नोरबर्ट क्राफ्ट से इन्ही मद्दों पर रिचर्ड होलिंघम ने बात की। पढ़ें विशेष रिपोर्ट...

मार्स वन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोरबर्ट क्राफ्ट कहते हैं, 'इसके लिए चाहत आपके दिल से आनी चाहिए। यह युद्ध की रिपोर्टिंग के लिए जाने की ललक होने जैसा है।'

गैर-मुनाफे वाला संगठन मार्स वन धन जमा कर, मंगल ग्रह पर जाने के लिए अन्तरिक्ष यान बनाने और अगले 10 सालों में पहली बस्ती बनाने की योजना बना रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना का व्यावहारिक पक्ष जो भी हो, पर क्राफ्ट इस योजना के लिए संभावित लोगों के चुनाव के लिए पूर्ण रूप से योग्य हैं।
 

ऑस्ट्रियाई सेना में चिकित्सक रह चुके क्राफ्ट ने अमेरिकी, रूसी और जापानी अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ 20 साल काम किया है और अंतरिक्ष पर लंबा समय बिताने की संभावनाओं का अध्ययन किया है। क्राफ्ट कहते हैं, 'यह एक रोमांचक अवसर है क्योंकि अब तक मैंने जितना भी शोध किया है मैं उस सबको वास्तविकता में बदलने जा रहा हूं।'

तो दो लाख आवेदकों में से सिर्फ उन कुछ लोगों का चुनाव क्राफ्ट कैसे करेंगे, जो पहली बार इस यात्रा पर जाएंगे?

इस बारे में वह कहते हैं, 'मैं उन्हें कई चुनौतियां उछालने जा रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि जब वे लाल ग्रह पर पहुंचेंगे तो कहेंगे, 'नोरबर्ट ने जितना कहा था उसकी तुलना में मंगल स्वर्ग है।'

स्टेप 1 : शारीरिक : क्राफ्ट का अंतरिक्ष यात्रियों के 10 साल लंबे प्रशिक्षण का पहला चरण शारीरिक चुनाव है – इसमें ऐसे लोगों को इस सूची से बाहर करना है जो इस यात्रा के योग्य नहीं हैं। इसमें वे लोग शामिल हैं जो डायबिटीज, हृदय रोग या फिर दमा जैसे असाध्य रोगों से ग्रस्त हैं।

क्राफ्ट कहते हैं, 'मंगल ग्रह पर बसने वालों के चुनाव को लेकर हम बहुत सख्त हैं। बाद में, मान लीजिए, जब हम 600 लोगों को मंगल ग्रह पर बसा चुके होंगे, तब हम जरूरी योग्यता में कुछ ढील दे सकते हैं।'

इस यात्रा के लिए चिकित्सकीय कसौटी वैसी ही होगी जो परंपरागत रूप से अंतरिक्ष एजेंसियों के लिए होती है और उम्मीदवारों को योग्य डॉक्टरों द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र पेश करना होगा। इस कार्यक्रम के लिए उम्र की कोई ऊपरी सीमा निर्धारित नहीं है और आश्चर्यजनक रूप से डॉक्टरों ने पाया कि शारीरिक रूप से सबसे ज्यादा अयोग्य वो लोग थे जो उम्र के तीसरे या चौथे दशक में थे।
स्टेप 2: ज्ञान : चिकित्सकीय जांच के बाद परंपरागत साक्षात्कार का दौर आता है। अब तक 660 लोग इस स्टेज तक आ चुके हैं और क्राफ्ट ने दिसंबर 2014 से इनका एक-एक कर वीडियो लिंक के माध्यम से साक्षात्कार लेना शुरू कर दिया है।

वैसे मार्स वन के आवेदकों के लिए किसी औपचारिक शैक्षणिक योग्यता की जरूरत नहीं है– जैसे कि कोई डिग्री – या फिर इस मिशन में आवेदन के लिए किसी विशेष हुनर का होना। पर उनसे मंगल ग्रह और मिशन के बारे में सीखने की उम्मीद की जाती है और यह भी कि वे इस बात को समझें कि वो क्या करने जा रहे हैं।

क्राफ्ट कहते हैं, 'यहां हम ऐसे लोगों को छांट देते हैं जिनको यह पता नहीं होता कि वे कहां जा रहे हैं, वे क्या कर रहे हैं और क्या हो रहा है।' क्राफ्ट कहते हैं, 'हम उनसे जानना चाहते हैं कि वे क्यों समझते हैं कि वे टीम के अच्छे सदस्य साबित होंगे और वे यह यात्रा कर पाएंगें।'

हर उम्मीदवार को नंबर दिए जाएंगें, निश्चित रूप से कुछ को हमें छोड़ना पड़ेगा। हालांकि सबसे बड़ी छंटनी तो बचे हुए चरणों में होगी।

स्टेप 3: परफेक्ट व्यक्ति नहीं, टीम : मंगल पर किसी भी सफल मिशन के लिए ऐसे लोग चाहिए जो शांतचित्त होकर सुरक्षित रूप से मिल-जुलकर काम कर सकें और कई बार तो जीवन पर खतरा उत्पन्न होने की परिस्थिति में भी टूटे बगैर मिशन कंट्रोल की मदद के बिना काम को अंजाम दे सकें।

क्राफ्ट कहते हैं, 'वैसे भी पृथ्वी से हमारा कोई भी जवाब उनको 40 मिनट बाद ही मिल पाएगा, इसलिए उस परिस्थिति में वो हमारे जवाब की प्रतीक्षा नहीं कर सकते।'

मंगल पर अपना स्थाई निवास बनाने वाली टीमों के चुनाव की शुरुआत के लिए उम्मीदवारों को प्रशिक्षण सत्र में आमंत्रित किया जाएगा (संभवत नीदरलैंड में, जहां मार्स वन का बेस है)। यहां अनेक ग्रुप प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी ताकि उम्मीदवार साबित कर सकें कि वे समूह में काम कर सकते है। हर टीम लिंग, व्यक्तित्व और कुशलता का मिश्रण होगी।

क्राफ्ट कहते हैं, मेरे मन में एक एकदम सटीक ग्रुप की रूपरेखा है। 'आप एक सटीक अंतरिक्ष यात्री हो सकते हैं पर हो सकता है कि आप समूह में काम न कर पाएं, तो उस स्थिति में आप बेकार हैं– मैं एक परफेक्ट समूह की तलाश में हूं न की एक परफेक्ट व्यक्ति की।'

स्टेप 4: अलगाव : अपने आधे घंटे की बातचीत में क्राफ्ट एक शब्द का बार-बार जिक्र करते हैं और वो है: अलगाव। संभावित अंतरिक्ष यात्रियों के समूहों को एक नकली अंतरिक्षयान में डालकर एक आइसोलेशन चैंबर में कई सप्ताह के लिए डालकर छोड़ देना ताकि यह देखा जा सके कि वो इस पर कैसे और कितना खरा उतरते हैं।

चयन प्रक्रिया के इस हिस्से में क्राफ्ट की दिलचस्पी सबसे ज्यादा है। अभी तक इस तरह का सबसे बड़ा प्रयोग संयुक्त रूसी-यूरोपीय प्रयोग मार्स 500 रहा है। इसमें मॉस्को के एक उपनगर में वॉलंटियर्स को 520 दिनों के लिए एक नकली अंतरिक्षयान में बंद कर दिया गया ताकि मंगल मिशन की चुनौतियों की जांच की जा सके।

क्राफ्ट कहते हैं, 'आइसोलेशन चैंबर क्या कर सकता है यह देखना दिलचस्प है। यह आपके व्यक्तित्व और आपके अंदर की खूबियों को सामने ले आता है।'

उन्होंने कहा, 'हमने ऐसा एक प्रयोग (जिसे मैंने अंजाम दिया) रूस में किया जिसमें जो लोग वाकई अंतरिक्ष यात्री बनना चाहते थे, वे अंदर गए और सबके सब विफल रहे। अगर आप दिखावे और चालबाजी की कोशिश करते हैं तो यह नहीं चल सकता।'

सघन प्रशिक्षण : अगर मार्स वन इस रफ्तार से चलता रहे तो वॉलंटियर्स को मंगल के एकाकी जीवन के अनुरूप ढालने और अंतरिक्ष यान को चलाने से लेकर मंगल पर अपने शौचालय को ठीक करने के लिए पर्याप्त कौशल हासिल करने में अगले 10 साल की और सघन प्रशिक्षण की जरूरत होगी।

अगर मार्स वन विफल भी रहता है तो चयन प्रक्रिया से मिले परिणाम अंतरिक्ष एजेंसियों और भविष्य की मिशन योजनाओं को और बेहतर बनाने में मदद करेंगे। और अगर मार्स वन चालक दल को लेकर उड़ान भर सकने वाले अंतरिक्ष यान को डिजाइन करने, बनाने और उसे उड़ाने पर आने वाले खर्च की राशि जुटा लेता है तब भी इस बात की गारंटी नहीं है कि इस पहले समूह का कोई उम्मीदवार इस मिशन के लिए चुना जाएगा।