यौन स्वास्थ्य दिक्कतों से जुझ रहे युवा सलाह के लिए पारंपरिक स्वास्थ्य सेवाओं का इस्तेमाल करने की बजाए कुछ ऐसी वेबसाइटों का सहारा लेते हैं जो भरोसेमंद नहीं होती। ये सर्वेक्षण सरकारी सहयोग प्राप्त संस्था इंफॉरमेशन स्टेंडर्ड ने किया और उन्होंने इस सर्वे के लिए 18 से 24 साल के 1200 युवाओं से बात की।
इस शोध में कहा गया है कि दस में से आठ युवाओं ने वेबसाइट की प्रामाणिकता को समझे बिना उनकी मदद ली। विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं को औपचारिक माध्यमों से मदद लेनी चाहिए।
करीब दो तिहाई युवाओं का कहना था कि उन्होंने कभी भी यौन स्वास्थ्य को लेकर खुद की जाँच नहीं करवाई। उनके एनएचएस की सेवाएँ लेने से कतराने के पीछे शर्मिंदगी और जागरूकता की कमी को कारण समझा जाता है।
भरोसेमंद साइट : इन्फॉर्मेशन स्टैंडर्ड का कहना है कि युवाओं को इंटरनेट पर यौन स्वास्थ्य संबंधी जानकारियाँ लेने के लिए भरोसमंद वेबसाइटों सहारा लेना चाहिए जिन्हें या तो एनएचएस, या स्थानीय प्रशासन या सहायता संस्थाएँ बनाती हैं।
ऐसी वेबसाइटों पर- इन्फॉर्मेशन स्टैंडर्ड - की मोहर छपी होती है। इन्फॉर्मेशन स्टैंडर्ड की एक निदेशक एन रॉबिन्सन का कहना है, 'हम चाहते हैं कि सभी युवा ये समझें कि भरोसमंद साइटों का पता कैसे लगाया जाता है।'
'अगर कोई वेबसाइट सर्च करने पर सबसे ऊपर दिखाई देता है तो इसका मतलब ये नहीं कि वहाँ सभी जानकारियाँ मिल जाएँगी।'
चैरिटी संस्था टेरेंस हिगिंस ट्रस्ट के डॉमिनिक एडवर्ड्स का कहना है, 'इंग्लैंड में युवाओं में यौन संक्रमण होने का स्तर चिंताजनक रूप से ज्यादा है। साल 2010 में ऐसे नए मामलों में आधे से ज्यादा मामले युवाओं के थे। 'इन आँकड़ों में कमी लाने के लिए ये बेहद जरूरी है कि युवाओं को भरोसेमंद सलाह मिले और वह समझ सकें कि यौन संबंधों में सुरक्षा का ध्यान कैसे रखा जाता है।'