Hand mudras health benefits
Hand mudras health benefits : हमारे हाथ केवल काम करने के लिए नहीं होते, बल्कि वे हमारे शरीर की ऊर्जा को नियंत्रित करने और उसे संतुलित करने का एक महत्वपूर्ण साधन भी हैं। आयुर्वेद और योग में हस्त मुद्राओं का विशेष महत्व है। ये शरीर की अंदरूनी ऊर्जा को संतुलित करने, रोगों को दूर करने और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए बेहद प्रभावी मानी जाती हैं। हस्त मुद्राएं (Hand Mudras) हाथों की विशेष मुद्राएं होती हैं, जिन्हें योग अभ्यास के दौरान किया जाता है। इन मुद्राओं का नियमित अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख हस्त मुद्राओं के बारे में, जो आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती हैं।
1. प्राण मुद्रा (Prana Mudra)
यह मुद्रा शरीर में जीवन शक्ति (प्राण) को बढ़ाती है और थकान, कमजोरी और शारीरिक थकावट को दूर करती है। प्राण मुद्रा को नियमित रूप से करने से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और आप पूरे दिन ऊर्जावान महसूस करते हैं। यह मुद्रा विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो मानसिक या शारीरिक रूप से थकान महसूस करते हैं।
कैसे करें : प्राण मुद्रा में छोटी उंगली और अनामिका (रिंग फिंगर) को अंगूठे से मिलाकर रखें, बाकी उंगलियां सीधी रहें।
2. ज्ञान मुद्रा (Gyan Mudra)
ज्ञान मुद्रा मन को शांत करने और मानसिक स्पष्टता बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद है। यह मुद्रा याददाश्त को तेज करने, ध्यान की शक्ति को बढ़ाने और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करती है। नियमित रूप से इसे करने से आप अपने विचारों पर अधिक कंट्रोल पा सकते हैं और आत्मविश्वास में सुधार ला सकते हैं। यह मुद्रा विशेष रूप से ध्यान और साधना के दौरान की जाती है।
कैसे करें : ज्ञान मुद्रा को करने के लिए, अपने अंगूठे और तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) को एक साथ मिलाकर रखें, जबकि बाकी की तीन उंगलियां सीधी रहें।
3. वायु मुद्रा (Vayu Mudra)
यह मुद्रा वायु तत्व को संतुलित करती है और शरीर के वात दोष को ठीक करने में मदद करती है। यह मुद्रा विशेष रूप से गैस, कब्ज, शरीर में सूजन और जोड़ों के दर्द में राहत देती है। वायु मुद्रा पाचन तंत्र को सुधारने में भी मदद करती है और पेट की समस्या को दूर करने के लिए प्रभावी मानी जाती है।
कैसे करें : वायु मुद्रा में तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) को मोड़कर अंगूठे से दबा लें और बाकी उंगलियों को सीधा रखें।
4. शून्य मुद्रा (Shunya Mudra)
यह मुद्रा विशेष रूप से कानों के दर्द, बहरापन और सुनने की समस्या को दूर करने में मदद करती है। शून्य मुद्रा शरीर के भीतर से ऊर्जा को बाहर निकालने का काम करती है, जिससे शरीर में शून्यता (अकेलापन) या तनाव को दूर किया जा सकता है। यह मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त करने के लिए भी फायदेमंद है।
कैसे करें : शून्य मुद्रा में मध्यमा (मिडल फिंगर) को मोड़कर अंगूठे से दबा लें। बाकी उंगलियां सीधी रखें।
5. जल मुद्रा (Varun Mudra)
यह मुद्रा शरीर के जल तत्व को संतुलित करती है। यह त्वचा को स्वस्थ और नमीयुक्त रखने में मदद करती है। जल मुद्रा त्वचा के रोगों जैसे ड्राई स्किन, एक्जिमा, और रैशेज में राहत देती है। यह शरीर में जल संतुलन बनाए रखने के लिए भी प्रभावी है।
कैसे करें : जल मुद्रा में छोटी उंगली को अंगूठे से मिलाएं और बाकी उंगलियों को सीधा रखें।
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