हिन्दी : राजभाषा, राष्ट्रभाषा या विश्वभाषा
अरूण कुमार जैन | गुरुवार,अगस्त 27,2015
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा 1917 में भरुच (गुजरात) में सर्वप्रथम राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी को मान्यता प्रदान ...
यह राष्ट्र, धृतराष्ट्रों के नाम
अरूण कुमार जैन | गुरुवार,अक्टूबर 30,2014
उन दिनों राज्य परिवहन निगम मोनोपाली में चलता था, अच्छी बसें, अच्छा मुनाफा। फिर इस मोनोपाली को कतिपय सत्ताधारियों की ...
फिर धरती को पहनाएं हरी चुनर-धानी
अरूण कुमार जैन | गुरुवार,अक्टूबर 30,2014
प्रकृति-प्रदत्त तोहफों में यह सर्वदा सत्यापित है कि जो भी परिवर्तन होते हैं, वह अचानक या एकदम नहीं होते वरन् वे ...
नक्सली हमला और जमीनी सच्चाइयां
अरूण कुमार जैन | गुरुवार,अक्टूबर 30,2014
यह हकीकत है कि छत्तीसगढ़ में चलने वाले विभिन्न उद्योग और औद्योगिक घराने नक्सलियों को बाकायदा माहवारी रुपया देते हैं ...
चीनियों की चीनी कम-कूटनीति
अरूण कुमार जैन | गुरुवार,अक्टूबर 30,2014
कहते हैं जितनी अक्ल बादाम खाने से नहीं आती, उससे ज्यादा धोखा खाने से आती है। हमने अपने सगे-संबंधियों से ज्यादा अपने ...
एफडीआई : फायदा दे दो इंडिया
अरूण कुमार जैन | गुरुवार,अक्टूबर 30,2014
सत्तापक्ष कुर्सी के कारण एक हैं वरना उसमें कई खांचे हैं, संतरे-सी सत्रह फांकें हैं। वह तो भला हो कि उनके ऊपर कड़क ...