हिंदी कविता : चला सखी घूम आई माई के दुआरे
राकेशधर द्विवेदी | गुरुवार,मई 16,2024
चला सखी घूम आई माई के दुआरे।
मथवा टिकाय आई माई के दुआरे।
चला सखी घूम आई माई के दुआरे।
टिकुई चढ़ाए आई माई के ...
प्रेम गीत : भीगी भीगी बरसातों में
राकेशधर द्विवेदी | शुक्रवार,नवंबर 24,2023
भीगी भीगी बरसातों में, तुम ख्वाबों में छा जाते हो, मैं कैसे समझाऊं तुम्हें, मेरे सपनों में तुम आते हो, सौंधी सौंधी माटी ...
हिन्दी कविता : बड़ा ही दयालु है मुरली वाला
राकेशधर द्विवेदी | बुधवार,अक्टूबर 4,2023
कट जाएंगे तेरे दुःख-दर्द सारे
कान्हा की चरणों में जाके तो देखो
बड़ा ही दयालु है मुरली वाला
कभी उसकी शरणों में जाके तो ...
जन्माष्टमी पर कविता: नन्द के ललना मंद-मंद मुस्काए
राकेशधर द्विवेदी | गुरुवार,सितम्बर 7,2023
नन्द के ललना मंद-मंद मुस्काए
यशोदा मइया पलना झुलाए
पलना झुलाए मइया पलना झुलाए
ललना को देख मन ही मन मुस्काए
नन्द के ...
पितृ दिवस पर कविता : मैं एक छोटा बच्चा हूं
राकेशधर द्विवेदी | शनिवार,जून 17,2023
Fathers Day par Kavita : जब मैं आंखें खोलता हूं, पापा को घर में नहीं पाता हूं, मम्मी धीरे से समझाती, पापा ऑफिस चले गए, ...
प्रेम गीत : देखो रात हुई और चांद खिला
राकेशधर द्विवेदी | बुधवार,मई 10,2023
देखो रात हुई और चांद खिला, हम दीवाने यूं ही मचलते हैं, हाल दिलों का क्या कहें हम, सिर्फ तुमको देखा करते हैं, कुछ ...
मां दुर्गा पर कविता : मैया नवरातन में मुझ पर कृपा कीजिए
राकेशधर द्विवेदी | गुरुवार,सितम्बर 22,2022
Poem on Navratri 2022 : नवरात्रि में व्रत रखकर मां दुर्गा की पूजा-आराधना की जाती है, यहां पढ़ें मां दुर्गा के प्रति ...
हिन्दी कविता : मेरे कान्हा की प्यारी मुरतिया
राकेशधर द्विवेदी | गुरुवार,जुलाई 7,2022
मेरे कान्हा की प्यारी मुरतिया, मन में बस जाए इसकी सुरतिया, गोकुल धाम से कान्हा आए, जमुना किनारे बंसी बजाए, भागी-दौड़ी ...
पितृ दिवस पर कविता : पापा जल्दी आ जाना, घंटों गप्पे लड़ाएंगे
राकेशधर द्विवेदी | रविवार,जून 19,2022
मैं तुमसे बातें करने, मोबाइल रोज मिलाता हूं, टन-टन घंटी रोज है बजती, बात नहीं कर पाता हूं
पिता पर कविता : संडे जल्दी से आ जाओ, पापा से पूरे दिन मिलाओ
राकेशधर द्विवेदी | शुक्रवार,जून 17,2022
मैं मम्मा से पूछता हूं, पापा कब मेरे संग खेलेंगे, मम्मा धीरे से समझाती
वो तो संडे को मिल पाएंगे...