आत्महत्या करने से पहले मेरे बच्चे एक बार सोचना...
गरिमा संजय दुबे | सोमवार,अप्रैल 17,2023
तुम्हारी सीखने की ललक ही सबसे बड़े अंक है मेरे लिए। मैं कभी एक साथ तुम पर सचिन तेंदुलकर और सुन्दर पिचाई बनने का दबाव ...
ये किस विमर्श ने कह दिया कि हर पुरुष बुरा होता है, और हर स्त्री देवी?
गरिमा संजय दुबे | शनिवार,नवंबर 19,2022
कुछ बुरे लोगों के कारण सब बुरे ठहरा दिए जाते हैं। उन पुरुषों को बहुत शुभकामना जो सहायक हैं, भावुक हैं, परिवार की रीढ़ ...
श्रद्धा- आफताब पर कुछ चुभते सामाजिक सवाल
गरिमा संजय दुबे | गुरुवार,नवंबर 17,2022
विकृतियों किस व्यवस्था में नहीं होती हमारी वैवाहिक सामाजिक पारिवारिक ताने बाने में भी थीं, हैं भी, किंतु उन्हें दूर ...
बिगाड़ के डर से ईमान की बात न कहोगे, या यह केवल एक किताबी आदर्श है आपके लिए?
गरिमा संजय दुबे | शनिवार,मार्च 12,2022
गलती अलगाववादियों की नहीं, वो तो उनके मिशन पर थे। गलती उनको शह देने वाले, उनको गले लगाने वाले और कश्मीरी पंडितों को 30 ...
हिज़ाब: धार्मिक पहचान की यह कैसी ज़िद है इल्म की रोशनी पर....
गरिमा संजय दुबे | बुधवार,फ़रवरी 9,2022
सभी स्वतंत्र हैं कुछ भी पहनने के लिए, किंतु संस्था गत व्यवस्था और अनुशासन तो धर्म से ऊपर की बात है, उसके पालन के लिए तो ...
#लताजी: तुम न रच सकोगे कभी दूसरी लता, ईश्वर स्वयं भी नहीं.....
गरिमा संजय दुबे | रविवार,फ़रवरी 6,2022
हाँ हमने लता जी को गाते सुना है। सरस्वती साधिका ने बसंत चुना जाने को, कला का अंक 6 छठ तिथि, पूरी दुनिया को अपनी कला से ...
युगों में कोई एक लता होती हैं #RIPLATA
गरिमा संजय दुबे | रविवार,फ़रवरी 6,2022
हम उस युग में हुएं हैं जिसमें लता जी के स्वर गूंजे हैं, इससे बड़ी जीवन की सार्थकता क्या होगी, जिसने लताजी को न सुना वो ...
पुस्तक समीक्षा : स्त्री के मन का द्वीप है चंद्रदीप
गरिमा संजय दुबे | गुरुवार,सितम्बर 16,2021
चेतना भाटी का हाल में प्रकाशित उपन्यास चंद्रदीप सहज स्त्री भावनाओं की अभिव्यक्ति है। उपन्यास बहुत बड़े कैनवास पर नहीं ...
Ayesha Suicide Case : ऐसी मुस्कुराहटें बहुत भारी होती हैं....
गरिमा संजय दुबे | बुधवार,मार्च 3,2021
मुस्कुराहटें, मासूमियत कहीं बोझिल होती हैं भला, वह तो ज़िंदगी को हल्का फुल्का बनाती है। दुःख के घने सायों में ...
Vikas dubey encounter: सही-गलत से परे अंतत: कोई स्थाई समाधान तो निकले
गरिमा संजय दुबे | शनिवार,जुलाई 11,2020
एनकाउंटर को सही कहते हैं तो अपनी खुद की बनाई व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाने होते हैं, जिसने बरसों से न्याय में देरी की ...