शनि जयंती या प्रति शनिवार इन विशेष मंत्रों के जाप से यश, सुख, समृद्धि, कीर्ति, पराक्रम, वैभव, सफलता और अपार धन-धान्य के साथ प्रगति द्वार खुलते हैं। किसी एक मंत्र का चयन करें और अवश्य जपें....
1. बीज मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नम:
2. तंत्रोक्त मंत्र- ॐ प्रां. प्रीं. प्रौ. स: शनैश्चराय नम:
3. श्री शनि व्यासविरचित मंत्र
ॐ नीलांजन समाभासम्। रविपुत्रम यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्डसंभूतम। तम् नमामि शनैश्चरम्।।
4. शनिचर पुराणोक्त मंत्र
सूर्यपुत्रो दीर्घेदेही विशालाक्ष: शिवप्रिय: द
मंदचार प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि:
5. शनि का वेदोक्त मंत्र
ॐ शमाग्निभि: करच्छन्न: स्तपंत सूर्य शंवातोवा त्वरपा अपास्निधा:
6. शनि स्तोत्र
नमस्ते कोणसंस्थाचं पिंगलाय नमोस्तुते
नमस्ते बभ्रूरूपाय कृष्णाय च नमोस्तुते
नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चांतकाय च
नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो
नमस्ते मंदसंज्ञाय शनैश्चर नमोस्तुते
प्रसाद कुरू देवेश दिनस्य प्रणतस्य च
कोषस्थह्म पिंगलो बभ्रूकृष्णौ रोद्रौन्तको यम:
सौरी शनैश्चरो मंद: पिप्लदेन संस्तुत:
एतानि दश नामामी प्रातरुत्थाय पठेत्
शनैश्चरकृता पीड़ा न कदचित् भविष्यति