कर्णपिशाचिनी साधना - प्रयोग 5
कर्णपिशाचिनी साधना अत्यंत गोपनीय मानी जाती है। यह साधना किसी सिद्ध गुरु के मार्गदर्शन में ही संपन्न की जाती है। वेबदुनिया के पाठकों के लिए कर्णपिशाचिनी साधना का पाँचवा प्रयोग प्रस्तुत है। इस प्रयोग में साधक को गाय के गोबर में पीली मिट्टी मिलाकर उससे पूरा कमरा लीपना चाहिए। उस पर हल्दी-कुँमकुँम-अक्षत डालकर कुशासन बिछाए। भगवती कर्णपिशाचिनी का विधिवत पूजन कर रूद्राक्ष की माला से 11 दिन तक प्रतिदिन 10 हजार मंत्र का जाप करे। इस तरह 11 दिनों में कर्णपिशाचिनी सिद्ध हो जाती है।मंत्र : - ओम् हंसो हंस: नमो भगवति कर्णपिशाचिनी चंडवेगिनी स्वाहा।। • कर्ण पिशाचिनी साधना : प्रयोग-1 • कर्णपिशाचिनी साधना : प्रयोग-2 • कर्णपिशाचिनी साधना : प्रयोग-3• कर्णपिशाचिनी साधना - प्रयोग 4