शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. नवग्रह
  4. स्फटिक मणि को धारण करने से भय और घबराहट हो जाते हैं दूर
Written By अनिरुद्ध जोशी
Last Updated : मंगलवार, 30 मार्च 2021 (17:10 IST)

स्फटिक मणि को धारण करने से भय और घबराहट हो जाते हैं दूर

Sphatik Mani | स्फटिक मणि को धारण करने से भय और घबराहट हो जाते हैं दूर
आपने पारस मणि, नागमणि, कौस्तुभ मणि, चंद्रकांता मणि, नीलमणि, स्यमंतक मणि, स्फटिक मणि आदि का नाम तो सुना ही होगा, परंतु ही यहां निम्नलिखित नौ मणियों की बात कर रहे हैं- घृत मणि, तैल मणि, भीष्मक मणि, उपलक मणि, स्फटिक मणि, पारस मणि, उलूक मणि, लाजावर्त मणि, मासर मणि। आओ जानते हैं कि स्फटिक को धारण करने से क्या होता है। हालांकि यह सभी बातें मान्यता पर आधारित हैं।
 
 
1. स्फटिक मणि को बिल्लौर (billaura) भी कहते हैं। अंग्रेजी में इसे क्वार्ट्ज (quartz) या रहिन्सटोन (rhinestone) कहते हैं। यह सफेद रंग का चमकदार पत्थर होता है। इसे रॉक क्रिस्टल भी कहते हैं। संस्कृत में सितोपल, शिवप्रिय, कांचमणि और फिटक आदि कहते हैं।
 
2. स्फटिक बर्फ के पहाड़ों पर बर्फ के नीचे टुकड़े के रूप में पाया जाता है। कहते हैं कि यह सिलिकॉन और ऑक्सीज़न के एटम्स के मिलने से बनता है। यह बर्फ के समान पारदर्शी और सफेद होता है। यह आसानी से मिल जाता है। फिर भी इसके असली होने की जांच कर ली जानी चाहिए।
 
4. इसकी माला पर किसी मंत्र को जप करने से वह मंत्र शीघ्र ही सिद्ध हो जाता है।
 
लाभ : 
1.कहते हैं कि इसे पहनने से किसी भी प्रकार का भय और घबराहट नहीं रहती है।
2. इसकी माला धारण करने से मन में सुख, शांति और धैर्य बना रहता है।
3.ज्योतिष अनुसार इसे धारण करने से धन, संपत्ति, रूप, बल, वीर्य और यश प्राप्त होता है।
4.माना जाता है कि इसे धारण करने से भूत-प्रेत आदि की बाधा से भी मुक्ति मिल जाती है।
5.इसकी माला से किसी मंत्र का जप करने से वह मंत्र शीघ्र ही सिद्ध हो जाता है।
6.इससे सोच-समझ में तेजी और दिमाग का विकास होने लगता है।
7.इसकी भस्म से ज्वर, पित्त-विकार, निर्बलता तथा रक्त विकार जैसी व्याधियां दूर होती है।
8.स्फटिक किसी भी पुरुष या स्त्री को एकदम स्वस्थ रखता है।
9.स्फटिक की माला को भगवती लक्ष्मी का रूप माना जाता है।
10.स्फटिक की माला धारण करने से शुक्र ग्रह दोष दूर होता है।
11.स्फटिक के उपयोग से दु:ख और दारिद्र नष्ट होता है।
12.यह पाप का नाशक है। पुण्य का उदय होता है।
13.सोमवार को स्फटिक माला धारण करने से मन में पूर्णत: शांति की अनुभूति होती है एवं सिरदर्द नहीं होता।
14.शनिवार को स्फटिक माला धारण करने से रक्त से संबंधित बीमारियों में लाभ होता है।
15.अत्यधिक बुखार होने की स्थिति में स्फटिक माला को पानी में धोकर कुछ देर नाभि पर रखने से बुखार कम होता है एवं आराम मिलता है।
 
नुकसान-
यदि स्फटिक नकली है तो इसके क्या नुकसान होंगे यह कोई नहीं जानता। असली स्फटिक की प्रकृति ठंडी होती है। अत: यह शरीर में ठंडक पैदा करता है। ठंड में इसकी माला पहने रहने से शरीर और भी ठंडा हो जाता है। यह भी कहा जाता है कि यदि इसे ग्रहों के अनुसार नहीं पहना तो भी यह नुकसान पहुंचा सकता है। इसका मतलब यह कि आपकी कुंडली या राशि के अनुसार यह आपको सूट होता है या नहीं यह भी देखना जरूरी हैं।
ये भी पढ़ें
बुधवार को संकष्टी चतुर्थी : जानिए कैसे करें पूजन-अर्चन, पढ़ें शुभ मुहूर्त