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Written By WD

मानव जीवन पर चंद्रग्रह का प्रभाव

- श्रीराम पु. चोलकर

मानव जीवन पर चंद्रग्रह का प्रभाव -
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आज की दुनिया में मनुष्य का जीवन अत्यंत व्यस्त और संकटमय हो गया है। सूर्य किरण के उदय के साथ जागा हुआ मानव रात्रि निद्रा में जाने तक कुछ कार्य होने अथवा न होने से उत्साहित अथवा उदासीन रहता है।

ज्योतिष शास्त्र में नवग्रह का चंद्रग्रह इसमें अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चंद्रग्रह मनुष्य के मन तथा मानसिक संतुलन को बनाकर रखने का कार्य करता है।

चंद्रग्रह नवग्रह में एक अत्यंत शांत और सौम्य ग्रह है। यह कबूतर या खरगोश जैसा डरपोक ग्रह है। यह ऐसा ग्रह है जो एक माह में समस्त 12 राशि से मिलता है। जिस कारण समस्त राशि के जातक को शुभ अथवा अशुभ अवस्था से गुजरना पड़ता है।

चंद्रग्रह सवा ‍दो दिन में अपनी राशि बदलता है तथा समस्त राशि पर अपना प्रभाव भिन्न-भिन्न प्रकार से डालता है। मनुष्य की जन्म राशि इसी ग्रह से तय की जाती है। चंद्रग्रह जलीय ग्रह है। मानव का 65 प्रतिशत जीवन पानी पर निर्भर है। इसका मुख्‍य कारण यह है कि प्रत्येक मनुष्य के जन्मकुंडली में बैठे हुए इस कारण वनस्पति तथा मानव जीवन का चंद्रग्रह से अत्यंत नजदीक का संबंध है।

चंद्रग्रह कर्क राशि का स्वामी है तथा इसकी उच्च राशि वृषभ है। अनुभव किया गया है कि कर्क राशि के जातक द्वारा पेड़-पौधे लगाने में सफलता मिलती है। इस ग्रह के गोचर भ्रमण के साथ जो अनुभव आता है कि एक ही राशि होने पर भी अलग-अलग व्यक्ति पर भिन्न-भिन्न प्रकार के परिणाम दिखाई पड़ते हैं।

इसका मुख्‍य कारण यह है ‍कि प्रत्येक मनुष्य की जन्मकुंडली में बैठे हुए ग्रह के साथ गोचर का भ्रमण करने वाला चंद्र किस-किस प्रकार से संबंध कर रहा है। जैसे शुभ ग्रह के साथ अथवा अशुभ ग्रह के साथ या अशुभ ग्रह की दृष्टि में यह सब अलग-अलग होने से एक ही राशि होने पर भी भिन्न-भिन्न प्रभाव दिखाई देते हैं।

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मनुष्य को किस विशेष परिस्थिति में चंद्रग्रह के गोचर भ्रमण से कठोर परिस्थिति का सामना करना पड़ता है। जैसे जन्मकुंडली में चंद्र 6, 8, 12 स्थानों से बताया जा रहा है तो अशुभ परिस्थिति निर्माण करता है। जैसे दुर्घटना, आलस्य, असफलता, झगड़े़, व्यय आदि बातों से परेशान करता है।

उपरोक्त स्थानों के अलावा जन्मकुंडली में चंद्रग्रह अन्य स्थानों में पाप ग्रह या शत्रु ग्रह के साथ भ्रमण होने पर भी उपरोक्त परिस्थिति निर्माण हो सकती है। सर्व साधारण की जानकारी हेतु पंचांग में प्रत्येक तिथि व दिन के सामने चंद्रग्रह की राशि लिखी होती है।

चंद्र ग्रह को 12 राशि में 6, 8, 12 स्थानों का कब-कब सामना करना पड़ता है उसकी तालिका साथ में दी जा रही है जिसको देखकर मनुष्य अपने को आने वाली परेशानी रोकने में सफल हो सकता है। इस प्रकार चंद्रग्रह मनुष्य के दैनिक जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।