मंगल: ऊर्जा का सूचक
खिलाड़ी बनाने वाला ग्रह
मंगल अर्थात अग्नि यानी भरपूर ऊर्जा। जिस कुंडली में मंगल मजबूत होता है, वे व्यक्ति बीमार कम पड़ते हैं, क्योंकि रक्त संचार सुचारु रूप से होता है, ऊर्जा की कमी व रक्त संबंधी व्याधियों से ये व्यक्ति दूर रहते हैं। खिलाड़ी बनने या सेना के क्षेत्र में जाने के लिए भी भरपूर ऊर्जा व अच्छी आत्मशक्ति की जरूरत होती है। मंगल खेल भावना देता है, जुझारू बनाता है, हिम्मती बनाता है। लग्न या दशम पर मंगल की दृष्टि व्यक्ति को अति परिश्रमी भी बनाती है। यदि मंगल नवम, दशम या ग्यारहवें भाव में हो या इन भावों से संबंध करता हो तो व्यक्ति की रुचि साहसिक कार्यों व खेलों में होती है। यदि यह मंगल मित्र क्षेत्री, स्वराशिस्थ या उच्च का हो तो ये व्यक्ति खेलों को ही व्यवसाय रूप में चुन लेते हैं। विशेषकर वृश्चिक व मेष (लग्न) या राशि वाले लोगों का मंगल मजबूत होने पर वे खेलों में रुचि लेते ही हैं। ऐसे में यदि अन्य ग्रह ठीक हों व सूर्य की स्थिति प्रबल हो तो उस व्यक्ति को खेलों से पैसा व प्रसिद्धि दोनों ही मिलती है। यदि मजबूत मंगल गुरु की दृष्टि में हो व नवम या दशम में हो तो व्यक्ति परोक्ष रूप से खेलों से संबंध रखता है (जैसे अंपायर, कोच या सिलेक्शन बोर्ड में) मगर यह तय है कि अच्छा मंगल (यदि अन्य योग मजबूत हो तो) खिलाड़ी बन सकता है।