सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. आलेख
  4. When Should Wear pearl And When Not
Written By

डिप्रेशन दे सकता है सफेद मोती, लग्न कुंडली अनुसार जानिए इसे कब धारण करें, कब नहीं

डिप्रेशन दे सकता है सफेद मोती, लग्न कुंडली अनुसार जानिए इसे कब धारण करें, कब नहीं - When Should Wear pearl And When Not
रत्न विज्ञान में मोती का बहुत महत्व है। गोल लंबा आकार का मोती, जिसका रंग तेजस्वी सफेद हो तथा उसमें लाल रंग के ध्वज के आकार का सूक्ष्म चिह्न हो तो उसको धारण करने से धारणकर्ता को राज्य की ओर से लक्ष्मी का लाभ होता है।
 
सामान्यत: चंद्रमा क्षीण होने पर मोती पहनने की सलाह दी जाती है मगर हर लग्न के लिए यह सही नहीं है। ऐसे लग्न जिनमें चंद्रमा शुभ स्थानों (केंद्र या त्रिकोण) का स्वामी होकर निर्बल हो, ऐसे में ही मोती पहनना लाभदायक होता है। अन्यथा मोती भयानक डिप्रेशन, निराशावाद और आत्महत्या तक का कारक बन सकता है। जानिए लग्न कुंडली के अनुसार कब धारण करें मोती...
 
 
लग्न कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थानों का स्थायी हो मगर, 
 
1. 6, 8, या 12 भाव में चंद्रमा हो तो मोती पहनें।
 
2. नीच राशि (वृश्चिक) में हो तो मोती पहनें।
 
3. चंद्रमा राहु या केतु की युति में हो तो मोती पहनें।
 
4. चंद्रमा पाप ग्रहों की दृष्टि में हो तो मोती पहनें।
 
5. चंद्रमा क्षीण हो या सूर्य के साथ हो तो भी मोती धारण करना चाहिए।
 
6. चंद्रमा की महादशा होने पर मोती अवश्य पहनना चाहिए।
 
7. चंद्रमा क्षीण हो, कृष्ण पक्ष का जन्म हो तो भी मोती पहनने से लाभ मिलता है।
 
 
मोती की विशेष बातें - 
रत्न 84 प्रकार के होते हैं। उनमें मोती भी अपने विशेष महत्व को दर्शाता है। चंद्रमा के बलि होने से न केवल मानसिक तनाव से ही छुटकारा मिलता है वरन् कई रोग जैसे पथरी, पेशाब तंत्र की बीमारी, जोड़ों का दर्द आदि से भी राहत मिलती है।
 
यदि चंद्रमा लग्न कुंडली में अशुभ होकर शुभ स्थानों को प्रभावित कर रहा हो तो ऐसी स्थिति में मोती धारण न करें। बल्कि सफेद वस्तु का दान करें, शिव की पूजा-अभिषेक करें, हाथ में सफेद धागा बांधे व चांदी के गिलास में पानी पिएं।
ये भी पढ़ें
जानिए वे 4 झूठ जो हर लड़की अपने बॉयफ्रेंड से बोलती है