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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शनिवार, 6 अप्रैल 2024 (13:00 IST)

Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर माता लक्ष्मी को इस तरह करें प्रसन्न, नहीं होगी धन की कमी

सोमवती अमावस्या पर लक्ष्मी कृपा प्राप्त करने के लिए करें खास उपाय

Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर माता लक्ष्मी को इस तरह करें प्रसन्न, नहीं होगी धन की कमी - Somvati amavasya par lakshmi ke upay
Somvati Amavasya 2024 Ke upay : इस बार चैत्र माह की अमावस्या सोमवार को आ रही है इसलिए इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। सालों बाद ऐसी अमावस्या आ रही है जिस दिन कई दुर्लभ और उग्र योग संयोग बन रहे हैं। इसे उग्र दिन में बचकर रहने में ही भलाई है। इसलिए जानिए कि किस तरह आप इस दिन के खतरनाक संयोग से बच सकते हैं।
 
अमावस्या प्रारंभ : 08 अप्रैल 2024 तड़के 03 बजकर 21 मिनट से। 
अमावस्या समाप्त : 08 अप्रैल 2023 रात्रि 11 बजकर 50 मिनट पर।
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय:-
  • लाल धागा की बत्ती बनाएं और मिट्टी के दीपक में देशी घी का दीप लगाएं।
  • इस दीपक को माता लक्ष्‍मी के समक्ष लगाकर उनकी पूजा और आरती करें।
  • लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
  • श्रीसूक्त का पाठ करें ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होंगी।
  • श्रीसूक्त का पाठ नहीं कर सकते हैं तो माता लक्ष्मी के 1008 नामों का उच्चारण करें।
  • इसके अलावा सोमवती तुलसी के पौधे के पास देशी घी का दीपक जलाकर उनकी परिक्रमा करें।
  • सोमवती अमावस्या के दिन कमल का फूल अर्पित करें।
  • लक्ष्मी जी, शिव परिवार को चावल की खीर अर्पित करें धन-संपत्ती से भंडार भरेंगे।
Somvati Amavasya 2024
Somvati Amavasya 2024
दीपक : लक्ष्मी पूजा के समय सात मुख वाला घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। यह भी कहा जाता है कि लक्ष्मी माता की मूर्त‌ि के सामने नौ बाती वाली घी का दीपक जलाने से जल्दी धन लाभ म‌िलता है और आर्थ‌िक मामले में उन्नत‌ि होती है।
माता के भोग : इस दिन लक्ष्मीजी को मखाना, सिंघाड़ा, बताशे, ईख, हलुआ, खीर, अनार, पान, सफेद और पीले रंग के मिष्ठान्न, केसर-भात आदि अर्पित किए जाते हैं। पूजन के दौरान 16 प्रकार की गुजिया, पपड़ियां, अनर्सा, लड्डू भी चढ़ाएं जाते हैं। आह्वान में पुलहरा चढ़ाया जाता है। इसके बाद चावल, बादाम, पिस्ता, छुआरा, हल्दी, सुपारी, गेंहूं, नारियल अर्पित करते हैं। केवड़े के फूल और आम्रबेल का भोग अर्पित करते हैं।
 
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