सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. आलेख
  4. Pooja of Shankha
Written By Author राजश्री कासलीवाल

मार्गशीर्ष माह में है शंख पूजन का विशेष महत्व, जानिए सामग्री, मंत्र एवं पूजा विधि

मार्गशीर्ष माह में है शंख पूजन का विशेष महत्व, जानिए सामग्री, मंत्र एवं पूजा विधि। shankh pooja for home - Pooja of Shankha
अगहन (मार्गशीर्ष) के महीने में शंख पूजन का विशेष महत्व है। अगहन के महीने में किसी भी शंख को भगवान श्रीकृष्ण का पंचजन्य शंख मान कर उसका पूजन-अर्चन करने से मनुष्‍य की समस्त इच्छाएं पूरी होती हैं।
 
विष्णु पुराण के अनुसार शंख समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त हुए 14 रत्नों में से एक रत्न है। सुख-सौभाग्य की वृद्धि के लिए इसे अपने घर में स्थापित करना चाहिए। दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी स्वरूप कहा जाता है। इसके बिना लक्ष्मीजी की आराधना पूरी नहीं मानी जाती है।

माना जाता है कि अगहन मास में खास तौर पर गुरुवार के दिन लक्ष्मी पूजन करते समय दक्षिणावर्ती शंख की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इसके अलावा भी प्रतिदिन घर में शंख पूजन करने से जीवन में कभी भी रुपए-पैसे, धन की कमी महसूस नहीं होती। 
 
शंख पूजन की सामग्री की सूची : 
 
* शंख 
* कुंमकुंम, 
* चावल, 
* जल का पात्र,
* कच्चा दूध, 
* एक स्वच्छ कपड़ा,
* एक तांबा या चांदी का पात्र (शंख रखने के लिए) 
* सफेद पुष्प, 
* इत्र, 
* कपूर, 
* केसर, 
* अगरबत्ती, 
* दीया लगाने के लिए शुद्ध घी, 
* भोग के लिए नैवेद्य 
* चांदी का वर्क आदि। 
 
ऐसे करें शंख का पूजन - 
 
* प्रात: काल में स्नान कर स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण करें। 
 
* पटिए पर एक पात्र में शंख रखें। 
 
* अब उसे कच्चे दूध और जल से स्नान कराएं। 
 
* अब स्वच्छ कपड़े से उसे पोंछें और उस पर चांदी का वर्क लगाएं। 
 
* तत्पश्चात घी का दीया और अगरबत्ती जला लीजिए। 
 
* अब शंख पर दूध-केसर के मिश्रित घोल से श्री एकाक्षरी मंत्र लिखें तथा उसे चांदी अथवा तांबा के पात्र में स्थापित कर दें। 
 
* अब उपरोक्त शंख पूजन के मंत्र का जप करते हुए कुंमकुंम, चावल तथा इत्र अर्पित करके सफेद पुष्प चढ़ाएं। 
 
अगहन मास में निम्न मंत्र से शंख पूजा करनी चाहिए। 
 
* त्वं पुरा सागरोत्पन्न विष्णुना विधृत: करे।
निर्मित: सर्वदेवैश्च पाञ्चजन्य नमोऽस्तु ते।
तव नादेन जीमूता वित्रसन्ति सुरासुरा:।
शशांकायुतदीप्ताभ पाञ्चजन्य नमोऽस्तु ते॥
 
* नैवेद्य का भोग लगाकर पूजन संपन्न करें।
 
 
ये भी पढ़ें
अपने ग्रह को खुशबू (सुगंध) से कैसे करें मजबूत, इन अचूक उपायों से मिलेगा ग्रह दोष से छुटकारा