30 वर्षों के बाद मौनी अमावस्या पर बन रहा है दुर्लभ संयोग
माघ माह ही अमावस्या को माघी अमावस्या के साथ ही मौनी अमावस्या भी कहते हैं। इस अमावस्या के समय पितृदेव और श्री हरि विष्णु की पूजा के साथ ही सूर्य को अर्घ्य देने का भी महत्व है। इस बार मौनी अमावस्या 30 साल बाद बहुत ही दुर्लभ योग बन रहे हैं। इस दौरान दान, तीर्थ यात्रा, भागवत गीता का श्रवण आदि का विशेष महत्व होता है। आओ जानते हैं कि दुर्लभ योग और शुभ मुहूर्त।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या पर शनिवार होने के साथ शनि अमावस्या रहेगी। इसी के साथ ही शनि महाराज 3 दिन पहले ही कुंभ राशि में गोचर कर जाएंगे। शनिदेव के कुंभ राशि में मौजूद होने पर शनिवार को मौनी अमावस्या रहेगी। इस साल शनि पूरे 30 साल बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस दृष्टि से, 30 वर्ष बाद मौनी अमावस्या को महापर्व के रूप में मनाया जाएगा।
इसी के साथ ही मकर राशि में सूर्य, शुक्र की युति और त्रिकोण की स्थिति खप्पर योग का निर्माण कर रही है। जब भी इस प्रकार की युति बनती है तो अलग-अलग प्रकार के योग-संयोग भी बनते हैं।
मौनी अमावस्या 2023: तिथि और समय
मौनी अमावस्या के मुहूर्त:
अमावस्या प्रारंभ: सुबह 06 बजकर 19 मिनट से।
अमावस्या समापन: 22 जनवरी, 2023 की रात 02 बजकर 25 मिनट पर।
ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 05:27 से 06:20 तक।
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 12:11 से 12:54 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:48 से 06:15 तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग : पूरे दिन