• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. जय शनिदेव
  4. Shani Jayanti vat savitri vrat and somvati amavasya
Written By
Last Updated : सोमवार, 30 मई 2022 (13:16 IST)

3 शुभ पर्वों का हो रहा है महामिलन शनि जयंती के यह शुभ संयोग आपको नहीं पता है तो अब जान लीजिए

3 शुभ पर्वों का हो रहा है महामिलन शनि जयंती के यह शुभ संयोग आपको नहीं पता है तो अब जान लीजिए - Shani Jayanti vat savitri vrat and somvati amavasya
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि यानी कि 30 मई 2022 सोमवार को शनि जयंती, सोमवती अमावस्या व वट सावित्री व्रत तीनों एक ही दिन पड़ रहे हैं। इस बार शनि जयंती पर 30 साल बाद यह बहुत ही दुर्लभ योग बन रहे हैं। इस दिन सोमवती अमावस्या के साथ ही वट सावित्री का व्रत भी रहेगा। ऐसा संयोग 30 साल बाद बन रहा है। इस दिन सर्वार्थसिद्धि और सुकर्मा योग भी है। इस दिन शनिदेव कुंभ राशि में रहेंगे जो उनकी खुद की राशि है।
 
 
1. शनि जयंती : इस दिन शनिदेव का जन्म हुआ था। इस दिन उनकी पूजा करने और छायादान करने तथा शनि का दान करने से कुंडली के सभी तरह के शनि दोष, शनि महादशा, ढैया और साढ़ेसाती की पीड़ा से मुक्ति मिल जाती है।
 
2. वट सावित्री व्रत : वट सावित्री के दिन बरगद की पूजा का महत्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए व्रत रखकर बरगद की पूजा करती हैं। इस बार सर्वार्थसिद्धि योग में बरगद की पूजा होगी।
shani amavasya 2022
shani amavasya 2022
3. सोमवती अमावस्या : इस दिन सोमवार को अमावस्या होने के कारण सोमवती अमावस्या रहेगी। दुर्लभ योग में शिव-पार्वती, चंद्रदेव, विष्णु-तुलसीजी और पितृदेव की पूजा होगी। इस दिन शनि दोष, चंद्र दोष और पितृदोष से मुक्ति का महत्ववूर्ण दिन रहेगा। इस दिन सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होगी। सोमवती अमावस्या के दिन की पितरों को जल देने से उन्हें तृप्ति मिलती है। महाभारत काल से ही पितृ विसर्जन की अमावस्या, विशेषकर सोमवती अमावस्या पर तीर्थस्थलों पर पिंडदान करने का विशेष महत्व है।
ये भी पढ़ें
शनि शिंगणादेव के 10 चमत्कार, जानिए कैसे पहुंचें, क्या हैं मंदिर के नियम