जुलाई में कर लें शादी वरना नवंबर तक रुकना होगा
* जुलाई में सिर्फ 7 दिन ही शहनाई गूंजेंगी, शुरू होंगे चातुर्मास
इस माह 7 जुलाई से विवाह शुरू होंगे। 15 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इस दिन देव सो जाएंगे। इसके साथ ही चातुर्मास लगने से अगले चार महीने विवाह नहीं होंगे। यानी जुलाई में सिर्फ सात दिन ही शहनाई की गूंज सुनाई देगी।
गुरु और शुक्र के अस्त होने के कारण बीते दो माह से अधिक समय से शादियों के मुहूर्त नहीं थे। सात से 14 जुलाई के बीच शादी के मुहूर्त हैं। इसके बाद 15 जुलाई से 10 नवंबर तक एक भी विवाह के मुहूर्त नहीं है।
इस बार जुलाई में सात और 13 तारीख का ही मुहूर्त है। 15 जुलाई के बाद चातुर्मास लगने से चार माह तक शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। बहरहाल, अलग-अलग पंचांगों में मतांतर होने के कारण तारीखों में यह भिन्नता दिख रही है। सात और 13 तारीख के मुहूर्त को लेकर कई पंडितों की राय एक ही है।
11 नवंबर को देव उठनी एकादशी से भगवान के जागने के साथ ही विवाह के मुहूर्त फिर एक महीने तक बनेंगे। इस अवधि में लोग सिर्फ भगवान के भजन-कीर्तन कर सकेंगे। चातुर्मास में शादी-ब्याह, उपनयन संस्कार, मुंडन संस्कार आदि सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं।
बहुत जरूरी हो तो 13 जुलाई को कर सकते हैं शादी
13 जुलाई को भड़ली नवमी तिथि आएगी। इस तिथि को शादी के लिए अक्षय तृतीया के बराबर अबूझ मुहूर्त माना जाता है। यदि जुलाई में आपकी शादी का कोई मुहूर्त नहीं बन रहा हो, तो 13 जुलाई को शादी की जा सकती है।