'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए 'पाक्षिक पंचाग' श्रंखला में प्रस्तुत है ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग-
संवत्सर- परिधावी
संवत्- 2076
शक संवत् - 1941
माह- ज्येष्ठ
पक्ष- शुक्ल पक्ष (4 से 17 जून तक)
ऋतु- ग्रीष्म
रवि- उत्तरायणे
गुरु तारा- उदित स्वरूप
शुक्र तारा- उदित स्वरूप
सर्वार्थ सिद्धि योग- 6 व 12 जून
अमृत सिद्धि योग- 6 जून
द्विपुष्कर योग- 4 जून
त्रिपुष्कर योग- अनुपस्थित
रवि पुष्य योग- अनुपस्थित
गुरु पुष्य योग- 6 जून (रात्रि 8 बजकर 27 मिनट से)
एकादशी- 13 जून (निर्जला एकादशी व्रत)
प्रदोष- 14 जून
भद्रा- 6 जून (उदय)- 7 जून (अस्त), 9 जून (उदय)- 10 जून (अस्त), 12 जून (उदय)- 13 जून (अस्त), 16 जून (उदय-अस्त)
पंचक- 22 जून से प्रारंभ व 26 जून को समाप्त
मूल- 7 जून से प्रारंभ- 9 जून को समाप्त
पूर्णिमा- 17 जून
ग्रहाचार- सूर्य-वृषभ (16 जून से मिथुन राशि में), चन्द्र- (सवा 2 दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल-मिथुन, बुध-मिथुन, गुरु-वृश्चिक, शुक्र-मेष, शनि-धनु, राहु-मिथुन, केतु- धनु
व्रत/त्योहार- 12 जून-गंगा दशहरा/ श्रीबटुक भैरव जयंती, 14 जून- वट सावित्री व्रतारंभ, 16 जून- वट सावित्री व्रत पूर्णता, 17 जून- संत कबीरदास जयंती
(विशेष- उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।)
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र