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दर्श अमावस्या के दिन 5 काम करेंगे तो पितृ देंगे धन धान्य का शुभ आशीर्वाद

Darsha amavasya 2022 : दर्श अमावस्या पर चंद्रमा पूरी रात गायब रहता है। मान्यतानुसार इस दिन सच्चे मन से की गई प्रार्थना चंद्रदेव अवश्य ही सुनते हैं। इस तिथि पितृदेव धरती पर आकर परिवारजनों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। अत: पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन पितृ तर्पण, स्नान, दान, असहायों की सहायता करना बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता है। 
 
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार दर्श अमावस्या पितरों के पूजन का दिन माना जाता है। इस दिन पितरों के निमित्त दीपक जलाने तथा तर्पण, पिंडदान, पंचबलि कर्म, ब्राह्मण भोज, खीर दान और सीधा दान करने का विशेष महत्व है। मान्यतानुसार ऐसा करने से पितृदेव प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं, इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
 
 
आइए जानते हैं दर्श अमावस्या के दिन कौन-कौनसे 5 काम करें, ताकि शुभ फल और धन-धान्य का आशीर्वाद प्राप्त हो। 
 
1. दर्श अमावस्या के दिन‍ पीपल या बरगद के वृक्ष में कच्चा दूध तथा जल मिलाकर चढ़ाने की मान्यता है। तथा सायंकाल के समय वृक्ष के नीचे दीया जलाना चाहिए।

 
2. पितरों की तृप्ति के लिए इस दिन खीर, पूरी तथा मिठाई या मिष्ठान्न बनाकर दक्षिण दिशा में रखकर दीप जलाएं से तथा शाम के समय एक दीपक जला कर उसकी रोशनी में पितरों को आने-जाने का रास्ता दिखाएं, पितृ संतुष्‍ट होकर शुभ आशीर्वाद देते हैं। 
 
3. देवदोष और पितृदोष की समाप्ति के लिए इस दिन घर में कर्पूर जलाए, तथा जलते हुए कंडे/उपले पर गुड़-घी के मिश्रण की आहुति देने से यह दोष दूर हो जाते हैं।

 
4. इस दिन केसर का तिलक लगाए। पिंडदान, तर्पण करें, ब्राह्मण भोज करवाएं तथा कौए को भोजन, मछलियों को आटे की गोलियां, गाय को रोटी तथा हरा चारा अवश्य खिलाएं। इससे भी पितृदेव प्रसन्न होकर घर में सुख-शांति तथा समृद्धि का वरदान देते हैं।
 
5. दर्श अमावस्या के दिन‍ अकाल मृत्यु से बचने तथा पितरों के निमित्त दीपदान करने से उन्हें मुक्ति प्राप्त होती है। इस दिन दक्षिण दिशा में पितरों के निमित्त 16 दीपक लगाना चाहिए।

- rk. 

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