27 अगस्त 2022 शनिवार के दिन शनिश्चरी अमावस्या है। इस दिन 4 ग्रह अपनी स्वयं की राशि में रहेंगे। भाद्रपद की इस अमावस्या को कुशग्रहणी, कुशोत्पाटिनी और पिथौरा अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन दान पुण्य करने का बहुत महत्व है। करीब 14 वर्ष के बाद भादों में शनि अमावस्या का योग बना है। अब यह संयोग 2025 में बनेगा। आओ जानते हैं कि कौनसे 10 दान करने से होगा लाभ।
- इस दिन शनि मकर में, बृहस्पति मीन में, सूर्य सिंह में और बुध कन्या में गोचर कर रहा है।
सामान्य दान : 1. आमान्न दान अर्थात अन्न, घी, गुड़, नमक आदि भोजन, 2. कंबल वस्त्र, 2.छाता पलंग, 3.दर्पण, 4.दीपदान, 5.छायादान, 6.सीधा, 7.जूते और चप्पल, 8. यथाशक्ति धन, 9. धान्य 10. गाय को हरी शाक (पालक आदि), कुत्ते को रोटी, चींटियों को पंजीरी या आटा मिली शक्कर, कौवे को अन्न, देव को प्रसाद।
अमावस्या दान सामग्री- Amavasya Daan Samgari
1. सूखी लकड़ी
2. कंबल या वस्त्र
3. भूमि या सोना
4. जूते और चप्पल
5. गाय
6. आंवला, फल, साग-सब्जी
7. छाता और पलंग
8. तिल, तिल के लड्डू अथवा तिल का तेल
9. दर्पण
10. सीधा (आटा, दाल, घी, अनाज, शक्कर, मिष्ठान) या पांच तरह का अनाज।
शनि का दान : शनि मंदिरों में शनि की वस्तुओं जैसे काले तिल, काली उड़द, काली राई, काले वस्त्र, लौह पात्र तथा गुड़ का दान करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है। शनि की प्रसन्नता के लिए उड़द, तेल, इन्द्रनील (नीलम), तिल, कुलथी, भैंस, लोहा, दक्षिणा और श्याम वस्त्र दान करें।