शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. Chandra grahan par Lal Kitab ke upay
Written By
Last Updated : मंगलवार, 8 नवंबर 2022 (11:37 IST)

Chandra grahan 2022: कुंडली में चंद्र ग्रहण को लक्षण से जानें और करें लाल किताब के अचूक उपाय

Chandra grahan 2022: कुंडली में चंद्र ग्रहण को लक्षण से जानें और करें लाल किताब के अचूक उपाय - Chandra grahan par Lal Kitab ke upay
Chandra grahan 2022: 8 नवंबर 2022 मंगलवार को है वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण। यदि आपकी जन्म कुंडली या जन्मपत्री में चंद्र ग्रहण का दोष है तो चूके नहीं, क्योंकि चंद्र ग्रहण दोष से सभी तरह की तरक्की और कार्य रूके रहते हैं। आपके जीवन में कई तरह की बाधाएं और कठिनाइयां आती हैं। ऐसे में इस चंद्रदोष के ज्योतिष और लाल किताब के अनुसार 5 प्रमुख उपाय आजमाएं और ग्रहण योग को हटाएं।
ग्रहण योग मुख्यत: 2 प्रकार के होते हैं- सूर्य और चन्द्र ग्रहण। यदि राहु लग्न में बैठा हो तो भी सूर्य कहीं भी हो तो उसे ग्रहण होगा। दूसरा यह कि यदि चन्द्रमा पाप ग्रह राहु या केतु के साथ बैठे हों तो चन्द्र ग्रहण और सूर्य के साथ राहु हो तो सूर्य ग्रहण होता है।
 
चंद्र ग्रहण का प्रभाव : चन्द्र ग्रहण से मानसिक पीड़ा और माता को हानि पहुंचती है। स्वास्थ संबंधी कई गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं।
चंद्र के अशुभ होने की निशानी :
* दूध देने वाला जानवर मर जाए।
* मानसिक रोगों का कारण भी चंद्र को माना गया है।
* चंद्र के अशुभ होने की स्थिति में महसूस करने की क्षमता क्षीण हो जाती है।
* राहु, केतु या शनि के साथ होने से तथा उनकी दृष्टि चंद्र पर पड़ने से चंद्र अशुभ हो जाता है।
* यदि घोड़ा पाल रखा हो तो उसकी मृत्यु भी तय है, किंतु आमतौर पर अब लोगों के यहां ये जानवर नहीं होते। पुराने समय में होते थे।
* माता का बीमार होना या घर के जलस्रोतों का सूख जाना भी चंद्र के अशुभ होने की निशानी है।
चंद्र के शुभ होने के लक्षण :
* मानसिक सुख और शांति देता है।
* शुभ चंद्र व्यक्ति को धनवान और दयालु बनाता है।
* भूमि और भवन के मालिक चंद्रमा से चतुर्थ में शुभ ग्रह होने पर घर संबंधी शुभ फल मिलते हैं।
* जातक यदि शनि के मंदे कार्य करता है तो चंद्र अपना शुभ फल देना बंद कर देता है।
 
चंद्र ग्रहण के लिए उपाय | chandra grahan ke upay:
1. चंद्र ग्रहण पर शिवजी को जल अर्पित करके प्रदोष का व्रत रखने का संकल्प लें। शिवजी की पूजा करें और चावल का दान करें।
 
2. पानी या दूध को साफ पात्र में सिरहाने रखकर सोएं और सुबह कीकर के वृक्ष की जड़ में डाल दें।
 
3. दाढ़ी या चोटी रखते हैं तो यह रखना छोड़ दें। 
 
4. चंद्र ग्रहण के बाद सोमवार के दिन केसर की खीर खाएं और कन्याओं को खिलाएं। श्वेत वस्त्रों का दान करना चाहिए।
 
5. पानीदार नारियल को लेकर अपने सिर पर से 21 बार वारकर उसे बहते दरिया में बहा दें।
 
6. चावल, सफेद वस्त्र, शंख, वंशपात्र, सफेद चंदन, श्वेत पुष्प, चीनी, बैल, दही और मोती आदि का दान करना चाहिए या नहीं यह किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर करें।