शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. विक्रम संवत से पहले भारत में कौनसा संवत था प्रचलित?
Written By
Last Modified: मंगलवार, 6 अप्रैल 2021 (19:12 IST)

विक्रम संवत से पहले भारत में कौनसा संवत था प्रचलित?

Vikram Samvat | विक्रम संवत से पहले भारत में कौनसा संवत था प्रचलित?
58 ईसा पूर्व राजा विक्रमादित्य ने खगोलविदों की मदद से पूर्व प्रचलित कैलेंडर और हिन्दू पंचांग पर आधारित एक कैलेंडर को इजाद करवाया जिसे बाद में विक्रमादित्य संवत कहा जाने लगा। यही हिन्दुओं का सबसे शुद्ध कैलेंडर माना जाता है। इसे नव संवत्सर भी कहते हैं। संवत्सर के पांच प्रकार हैं सौर, चंद्र, नक्षत्र, सावन और अधिमास। विक्रम संवत में सभी का समावेश है। विक्रम संवत से पूर्व भारत में कौनसा संवत प्रचलित था जानिए।
 
 
प्राचीन संवत : विक्रम संवत से पूर्व भारत में 6676 ईस्वी पूर्व से शुरू हुए प्राचीन सप्तर्षि संवत को हिंदुओं का सबसे प्राचीन संवत माना जाता है, जिसकी विधिवत शुरुआत 3076 ईस्वी पूर्व हुई मानी जाती है। सप्तर्षि के बाद नंबर आता है कृष्ण के जन्म की तिथि से कृष्ण कैलेंडर का फिर कलियुग संवत का। कलियुग के प्रारंभ के साथ कलियुग संवत की 3102 ईस्वी पूर्व में शुरुआत हुई थी।
 
प्राचीन काल में दुनिया भर में चैत्र माह और मार्च को ही वर्ष का पहला महीना माना जाता रहा था। आज भी बहीखाते का नवीनीकरण और मंगल कार्य की शुरुआत मार्च में ही होती है। विक्रम संवत की चैत्र शुक्ल की पहली तिथि से न केवल नवरात्रि में दुर्गा व्रत-पूजन का आरंभ होता है, बल्कि राजा रामचंद्र का राज्याभिषेक, युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हुआ था। मार्च से ही सूर्य मास अनुसार मेष राशि की शुरुआत भी मानी गई है।
 
भारत में जब विक्रम संवत् के आधार पर नववर्ष प्रारंभ होता है, तो उसे हर राज्य में एक अलग नाम से जाना जाता है, जैसे महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा, आंध्र में उगादिनाम, जम्मू-कश्मीर में नवरेह, पंजाब में वैशाखी, सिन्ध में चैटीचंड, केरल में विशु, असम में रोंगली बिहू आदि, जबकि ईरान में नौरोज के समय नववर्ष इसी दिन प्रारंभ होता है। हर राज्य में इसका नाम भले ही अलग हो लेकिन सभी यह जानते हैं कि इसका नाम नवसंवत्सर ही है।
ये भी पढ़ें
Jupiter transit in Aquarius: बृहस्पति ने बदला अपना घर,जानें क्या होगा असर?