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Last Updated : शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2023 (16:47 IST)

13 साल का इंतजार खत्म, भारतीय तीरंदाजों ने रिकर्व स्पर्धा में जीते सिल्वर और ब्रॉंज (Video)

13 साल का इंतजार खत्म, भारतीय तीरंदाजों ने रिकर्व स्पर्धा में जीते सिल्वर और ब्रॉंज (Video) - Indian archers ends a thirteen year long wait to emerge victorious in recorve event
तीरंदाजी में शुक्रवार को यहां 13 साल का इंतजार खत्म हुआ जब भारतीय पुरुष और महिला रिकर्व टीमों ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता जो इस स्पर्धा में 2010 से देश का पहले पदक हैं।

चोटों से जूझ रही अंकिता भकत, सिमरनजीत कौर और भजन कौर की तिकड़ी ने वियतनाम को हराकर कांस्य पदक जीता।भारत की पांचवीं वरीय जोड़ी ने कांस्य पदक के मुकाबले में डो थी आन एनगुएट, एनगुएन थी थान नी और हाओंग फुओंग थाओंग की वियतनाम की टीम को 6-2 (56-52, 55-56, 57-50, 51-48) से हराया।

अतनु दास, तुषार शेल्के और धीरज बोम्मादेवारा की भारतीय पुरुष रिकर्व टीम ने इसके बाद रजत पदक जीता।भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में सागोर इस्लाम, हाकिम रुबेल और रुमान शाना बांग्लादेश की बांग्लादेश की जोड़ी को 5-3 (58-51, 57-54, 56-58, 57-57) से हराया।

 फाइनल में हालांकि भारतीय तकड़ी को दक्षिण कोरिया की मजबूत टीम के खिलाफ 1-5 (55-60, 57-57, 55-56) से शिकस्त झेलनी पड़ी। भारत ने दूसरे सेट में वापसी करते हुए इसे टाई कराया था लेकिन पहला और तीसरा सेट गंवाकर मुकाबला गंवा दिया।

तीसरे सेट में कोरिया ने एक निशाना आठ अंक पर लगाया लेकिन इसके बावजूद ली वूसियोक, ओह लिनहयेक और किम डि डियोक की तिकड़ी ने भारत को एक अंक से पछाड़कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

ग्वांग्झू 2010 खेलों के बाद एशियाई खेलों में ओलंपिक वर्ग की तीरंदाजी स्पर्धा में यह भारत का पहला पदक है।

एशियाई खेलों के रिकर्व वर्ग में भारत ने पिछला पदक 2010 में जीता था जब व्यक्तिगत रजत पदक के अलावा देश ने पुरुष और महिला टीम स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीते थे।

मौजूदा एशियाई खेलों में भारत रिकॉर्ड आठ पदक जीत चुका है। भारत पहले ही कंपाउंड वर्ग की मिश्रित, पुरुष और महिला स्पर्धाओं में तीन टीम स्वर्ण पदक जीत चुका है।



अभिषेक वर्मा और ओजस देवताले कंपाउंड व्यक्तिगत वर्ग के फाइनल में एक-दूसरे से भिड़ेंगे जिससे भारत के दो और पदक पक्के हैं।

ज्योति सुरेखा वेन्नम भी महिला कंपाउंड व्यक्तिगत वर्ग के फाइनल में पहुंच चुकी है जिससे उनका भी एक पदक सुनिश्चित है।

महिला वर्ग में भारत ने क्वार्टर फाइनल में पांचवें वरीय जापान को 6-2 (53-49, 56-54, 53-54, 54-51) से हराया था लेकिन तोक्यो ओलंपिक चैंपियन दक्षिण कोरिया के खिलाफ सेमीफाइनल में टीम को 2-6 (54-56, 54-57, 57-55, 52-57) से शिकस्त झेलनी पड़ी।

कांस्य पदक के प्ले ऑफ में पिछले एक साल से अधिक समय से कंधे की चोट से जूझ रही 18 साल की भजन कौर ने शानदार प्रदर्शन किया और आठ तीर में से छह पर 10 अंक जुटाए जिससे भारत वियतनाम को हराने में सफल रहा।

भारतीय टीम ने पहला सेट जीता लेकिन वियतनाम की तिकड़ी ने दूसरा सेट जीतकर स्कोर 2-2 कर दिया। भारत ने भजन के दो 10 अंक से तीसरा सेट जीतकर बढ़त बनाई और फिर अंतिम सेट के अंतिम तीन प्रयास में भारत को जीत के लिए सिर्फ 21 अंक की जरूरत थी।

दूसरे नंबर पर उतरी कंधे की चोट से परेशान सिमरनजीत ने छह अंक पर निशाना लगाया। भजन को अंतिम प्रयास में कांस्य पदक के लिए सात अंक की जरूरत थी और उन्होंने आठ अंक के साथ पदक भारत की झोली में डालकर 13 साल के इंतजार को खत्म किया।


सिमरनजीत ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण पदक था। हम कई वर्षों से अभ्यास कर रहे हैं और यह हमारे लिए बहुत मूल्यवान है और मैं बहुत खुश हूं।’’


दबाव से निपटने के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘जब आप किसी चीज के लिए निशाना लगा रहे होते हैं तो यह दबाव की स्थिति होती है। लेकिन एक टीम के रूप में हमने सिर्फ खुद पर ध्यान केंद्रित किया।’’

पुरुषों की स्पर्धा में सबसे अनुभवी अतनु दास शूट ऑफ में परफेक्ट 10 से पहले दो बार लड़खड़ाए जिससे भारत ने कुछ विषम हालात से उबरकर क्वार्टर फाइनल में 11वीं वरीयता प्राप्त मंगोलिया को 5-4 (58-52, 55-56, 59-56, 56-58) (28-25) से हराया।(भाषा)