डिग्री पूरी करने के बाद जब आनंदीबाई भारत वापस लौटीं तो उनका स्वास्थ्य गिरने लगा और बाईस वर्ष की अल्पायु में ही उनकी मृत्यु हो गई। यह सच है कि आनंदीबाई ने जिस उद्देश्य से डॉक्टरी की डिग्री ली थी, उसमें वह पूरी तरह सफल नहीं हो पाईं, लेकिन उन्होंने समाज में वह मुकाम हासिल किया, जो आज भी एक मिसाल है।और भी पढ़ें : |