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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 2 अक्टूबर 2010 (21:26 IST)

साइना का लक्ष्य स्वर्ण पदक

साइना का लक्ष्य स्वर्ण पदक -
कॉमनवेल्थ गेम्स में भले ही विश्व चैंपियनशिप की तरह कड़ी चुनौती नहीं होगी, लेकिन हमेशा सतर्कता बरतने वाली भारतीय बैटमिंटन स्टार साइना नेहवाल का मानना है कि वे इन्हें हलके से नहीं ले रही हैं क्योंकि एक भी गलत शॉट उन्हें स्वर्ण पदक से वंचित कर सकता है।

बीस वर्षीय साइना विश्व चैंपियनशिप में खिताब की प्रबल दावेदार थीं, लेकिन कुछ छोटी-छोटी गलतियों के कारण वे क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई थीं।

साइना ने कहा कि कॉमनवेल्थ खेल, विश्व चैंपियनशिप की तरह कठिन नहीं हैं, लेकिन यहाँ पर सभी खिलाड़ी पूरी तैयारी के साथ आई हैं। आप यह नहीं जानते हैं कि क्या होगा। उस समय जब आप तनाव में होते हैं तब आप खराब खेलते हैं और वापसी का कोई रास्ता नहीं होता।

भारतीय बैटमिंटन स्टार ने कहा कि कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर वे अगले महीने होने वाले एशियाई खेलों के लिये अपना आत्मविश्वास और मजबूत करना चाहती हैं। साइना ने कहा कि वर्ष 2006 मेलबोर्न कॉमनवेल्थ खेलों उनके लिए काफी महत्वपूर्ण थे।

उन्होंने कहा कि चार वर्ष पहले मैं पूरी तरह से नई थी और बस खेलने का प्रयास कर रही थी। मैंने कभी नहीं यह सोचा था कि मुझे कॉमनवेल्थ खेलों में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। किसी ने यह अपेक्षा नहीं की होगी कि अपर्णा पोपट घायल होंगी और मुझे खेलने के लिए कहा जाएगा। (भाषा)