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Written By भाषा

आनंद डॉक्ट्रेट लेने के मूड में नहीं

आनंद डॉक्ट्रेट लेने के मूड में नहीं -
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विश्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने साफ किया कि उन्होंने अभी हैदराबाद विश्वविद्यालय से डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि लेने के लिए कोई तारीख तय नहीं है और फिलहाल उनका पूरा ध्यान आगामी टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन करके फिर से चोटी की रैंकिंग पर पहुँचना है।

आनंद ने कहा वह एक महीने पुराना किस्सा है और मुझे लगता है कि वह वहीं समाप्त हो गया है। मुझे नहीं पता कि मैं कब उपाधि ग्रहण करूँगा। मेरा अभी व्यस्त कार्यक्रम है और मैंने उसके लिए तारीख तय नहीं की है।

हैदराबाद विश्वविद्यालय ने पिछले महीने आनंद को डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित करना था लेकिन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उनकी नागरिकता पर सवाल उठा दिए थे क्योंकि चार बार का विश्व चैंपियन स्पेन में रहता है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने हालाँकि बाद में इस स्टार खिलाड़ी से माफी माँगकर मामला सुलझा दिया था।

दुनिया में तीसरे नंबर पर काबिज आनंद ने कहा कि मेरा ध्यान अब भविष्य के टूर्नामेंट पर हैं। मुझे अभी अक्टूबर में बिलबाउ मास्टर्स फाइनल (स्पेन) में भाग लेना है और फिर दिसंबर में लंदन और जनवरी में कोरस टूर्नामेंट में खेलना है। इन सभी में मुकाबला काफी कड़ा होगा और मेरा पूरा ध्यान इनमें अच्छा प्रदर्शन करना है।

आनंद अभी 2800 ईएलओ रेटिंग के साथ नार्वे के मैगनस कार्लसन (2826) और बुल्गारिया वेसलिन टोपालोव (2803) के बाद तीसरे नंबर पर काबिज हैं। आनंद ने कहा कि वह अभी केवल इन टूर्नामेंट के बारे में सोच रहे हैं क्योंकि शतरंज से हमेशा उनका उत्साह बना रहता है।

उन्होंने कहा मैं कड़ी शतरंज खेलना पसंद करता हूँ और इन तीनों टूर्नामेंट में चोटी के खिलाड़ियों के साथ मुकाबला करना रोमांचक होगा। इस स्टार खिलाड़ी ने इसके साथ ही कहा कि भारत का शतरंज में भविष्य उज्ज्वल है और एनआईआईटी माइंड चेस अकादमी से देश को कई स्टार खिलाड़ी मिलेंगे।

इस अकादमी से जुड़े आनंद ने कहा यह बच्चों को शतरंज से जोड़ने की तरफ बड़ा कदम है। इस साल अकादमी से दस लाख बच्चे जुड़ जाएँगे और मुझे पूरा विश्वास है कि अगले पाँच दस साल में हमें इसके बहुत सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। (भाषा)