40 पार के बाद भी हसरतें कम न हुईं
मेलबोर्न राष्ट्रमंडल खेलों में तीन साल पहले स्वर्ण पदक जीतने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं से दूर हुईं चालीस वर्षीय कुंजरानी अपनी उम्र के तकाजे को दरकिनार करते हुए एक बार फिर 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में खिताब जीतने के लिये बेताब हैं। वर्ष 2002 में मैनचेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों से शुरू हुई महिला भारोत्तोलन स्पर्धा में कुंजरानी ने 2006 के राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किलो वजन वर्ग के क्लीन तथा जर्क के अलावा कुल वजन का खिताब भी जीता था। कुंजरानी को पूरा भरोसा है कि राष्ट्रमंडल खेलों में बचे बीस माह में तैयारी करके बार फिर शीर्ष पर पहुँच सकती हैं। उन्होंने कहा मैंने पिछले माह से तैयारी शुरू कर दी है। मैं अपने खिताब का बचाव करूँगी और 2010 के राष्ट्रमंड़ल खेलों में पदक के मंच तक जरूर पहुँचूँगी। दिल्ली के राष्ट्रमंडल खेलों तक कुंजरानी 42 साल की हो जाएँगी लेकिन मणिपुर की इस भारोतोलक का दावा है कि वह पूरी तरह से फिट हैं और खिताब की दावेदार हैं। दिल्ली में रह रही 'राजीव गाँधी खेल रत्न' से पुरस्कृत खिलाड़ी कुंजरानी ने कहा मैं अपने बारे में जानती हूँ कि मैं अगले साले होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने की क्षमता रखती हूँ, वरना मैं वापसी करने के बारे में सोचती भी नहीं।