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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) , शुक्रवार, 8 जून 2007 (13:41 IST)

अर्जुन पुरस्कार की दौड़ में गीता

अर्जुन पुरस्कार गीता रानी भारोत्तोलन
पिछले साल डोपिंग प्रकरण के कारण अर्जुन पुरस्कार से वंचित रहीं राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता गीता रानी इस बार फिर दौड़ में हैं।

उनके नाम की अनुशंसा भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने एक बार फिर इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए की है। आईडब्ल्यूएफ के सचिव बलबीर सिंह भाटिया ने कहा कि गीता दुर्भाग्यशाली रहीं कि पिछले साल पुरस्कार नहीं जीत पाईं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार तकदीर उनका साथ देगी।

भाटिया ने बताया कि गीता विदेश में लगातार पदक जीतती रही हैं और हमने इसी वजह से पिछले साल भी उनके नाम की अनुशंसा की थी। लेकिन पिछला साल भारतीय भारोत्तोलन के लिए अच्छा नहीं था।

डोपिंग प्रकरण के कारण उन्हें दूसरों के किए की सजा भुगतनी पड़ी। पिछले साल बी. प्रमीलावल्ली, शैलजा पुजारी, एडविन राजू और तेजिंदर सिंह को प्रतिबंधित दवाओं के सेवन का दोषी पाया गया।

इसकी वजह से भारत पर सात महीने के भीतर दूसरी बार प्रतिबंध लगा। राजू और सिंह मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों में जबकि प्रमीलावल्ली और पुजारी खेलों से पहले डोपिंग के दोषी पाए गए थे।

भाटिया ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस बार गीता के साथ नाइंसाफी नहीं होगी। उसने चीन में एशियाई चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीते हैं। पिछले साल भी वे पुरस्कार की हकदार थीं लेकिन अब वह बीती बात है।