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Written By ND

दक्षिण का द्वार चेन्नई

दक्षिण का द्वार चेन्नई -
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- स्वाति तिवारी

मन आश्चर्य के साथ भाव-विभोर होने लगता है दूर-दूर तक फैली बालू रेत, सूर्यास्त की खूबसूरत लालिमा और शाम के गहराते धुँधलके को देखकर। तपती रेत पर खड़े हमारे पैर ठंडे अथाह जल की लहरों से रोमांचित हो उठते हैं, जब अपने पूरे उन्माद से उछालें मारता समुद्र जल हमारे पास आकर फिर लौट जाता है।

तेज प्रवाह से आती ये लहरें एक पल को किसी दैत्याकार ड्रेगन की तरह लगती हैं, लेकिन समुद्र की इस क्रीड़ा में हम फिर अगली लहर का इंतजार करने लगते हैं और अचानक पैरों के पास छोटी-बड़ी समुद्री सीपों के शैल गुप्त खजाने की तरह बिखर जाते हैं। कितने सुखद और रोमांचक होते हैं ये क्षण कहा नहीं जा सकता, पर महसूस किया जाता है किसी समुद्र तट पर। ऐसे समुद्र तटों ने भ्रमणार्थियों को हमेशा ही आकर्षित किया है। यही अप्रतिम प्राकृतिक आकर्षण समेटे है चेन्नई का मेरीना बीच।

'दक्षिण का द्वार' कहलाने वाले इस महानगर का यात्रा-साहित्य बताता है कि 350 वर्ष पूर्व यह छोटे-छोटे गाँवों का समूह था जो एकाकार होते-होते एक आधुनिक महानगर में तब्दील हो गया। इस प्रक्रिया में अँगरेजों का बहुत बड़ा योगदान रहा।

प्राचीनकाल में मद्रासपट्टम कहलाने वाले चेन्नई का इतिहास गवाह है कि यह अपने प्राचीन समय से ही अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र रहा है। सन्‌ 1639 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने यहाँ प्रवेश किया था। फिर यह शहर 100 वर्षों तक अँगरेजों के कब्जे में रहा है। यूँ तो यहाँ भी महानगर की भागमभाग है, विस्तार की बढ़ती प्रवृत्ति से जीवन की आपाधापी है पर शांत समुद्र तट भी है, जहाँ समुद्र का उतावलापन और उत्साह देखकर आश्चर्य होने लगता है।

चेन्नई का 'मेरीना बीच' पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण है। यह विश्व का दूसरा सबसे लंबा समुद्र तट है। इसके दो सौ से तीन सौ गज चौड़े रेतीले तट पर शाम को इतनी अधिक भीड़ होती है कि लगता है मानो सारा शहर वहीं आ गया है। निश्चय ही सारे दिन की थकान को लोग शाम के वक्त मेरीना बीच की अथाह जल राशि में बहा देना चाहते हैं।

मेरीना बीच पर एक 'स्वीमिंग पूल' है जो पर्यटकों की सुविधा के लिए बनाया गया है। इसका उद्देश्य दुर्घटनाओं को रोकना है, क्योंकि यहाँ समुद्र की गहराई और लहरों का तेज प्रवाह खतरनाक है। शार्क मछलियों की अधिकता भी है, अतः स्नान या तैरने के लिए स्वीमिंग पूल का ही लाभ लेना चाहिए। इसी के पास एक मछली घर भी है, जिसमें तरह-तरह की देशी-विदेशी मछलियाँ दर्शनार्थ रखी गई हैं।

मेरीना तट का उत्तरी भाग पूर्व मुख्यमंत्री अन्नादुराई के समाधि-स्थल के रूप में विकसित किया गया है। यहाँ लोगों को श्रद्धानवत होते देखा जा सकता है। साथ ही एम.जी.आर. स्मारक भी है। इसका प्रवेश द्वार दो विशाल हाथी दाँत के रूप में बनाया गया है। यहाँ एक मशाल हमेशा प्रज्वलित रहती है।

चेन्नई का एक अन्य महत्वपूर्ण आकर्षण है 'सेंट जॉर्ज फोर्ट'। इसे सन्‌ 1640 में ईस्ट इंडिया कंपनी के फ्रांसिंस डे ने बनाया था। यह किला ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक केंद्र था। 150 वर्षों तक यह युद्धों और षड्यंत्रों का केंद्र बना रहा। इस किले में पुरानी सैनिक छावनी, अधिकारियों के मकान, सेंट मेरी गिरजाघर एवं रॉबर्ट क्लाइव का घर है। यह चर्च अँगरेजों द्वारा भारत में बनवाया गया सबसे पुराना चर्च माना जाता है।

चेन्नई का 'स्नेक पार्क' भी पर्यटकों को प्रभावित करता है। यह अपनी तरह का एक अलग ही पार्क है जिसका निर्माण रोमुलस व्हिटेकर नामक अमेरिकी ने किया था। यह खतरनाक से खतरनाक पाँच सौ से भी ज्यादा भारतीय साँपों का जीवित संग्रहालय कहा जा सकता है। रेंगते हुए ये विषधर भय मिश्रित रोमांच पैदा करते हैं। यहाँ पर साँपों के अलावा सरीसर्प वर्ग के अन्य जीव जैसे मगरमच्छ, घड़ियाल इत्यादि भी रखे गए हैं। चेन्नई महानगर की कलात्मक संस्कृति के दर्शन सहज ही किए जा सकते हैं। यहाँ पर पैंथियान रोड स्थित 'नेशनल आर्ट गैलरी' का होना इसी बात का प्रमाण है।

धार्मिक दृष्टिकोण से संपूर्ण दक्षिण भारत एक तीर्थ है जहाँ वास्तुकला और मूर्तिकला के अद्वितीय उदाहरण हैं। इन मंदिरों में भव्यता और कलाशिल्प देखने योग्य है। उत्तर भारत से एकदम अलग शैली के मंदिर होने के बावजूद श्रद्धा और भक्ति में ये समस्त भारतीय आस्तिकों को आकर्षित करते हैं।

तिरुषैलिफेनी स्थित पार्थ सारथी मंदिर के लिए उल्लेख है कि इसका निर्माण आठवीं शताब्दी में राजा पल्लव ने करवाया था। इस देवस्थान की दीवारों पर सुंदर कलाकृतियाँ अंकित हैं। दूसरा आकर्षक मंदिर है द्रविड़ शिल्पकला में निर्मित मिलापोर स्थित कालीश्वर मंदिर। यहाँ माता पार्वती की उपासना की गाथा अंकित है। समुद्र की रेत से तपता यह क्षेत्र अत्यंत गरम जलवायु लिए हुए है जो केले, नारियल और पाम के पेड़ों से खूबसूरत लगता है।

देश के चार महानगरों में शामिल चेन्नई यानी मद्रास सभी प्रमुख नगरों से रेलमार्ग से जुड़ा है। यहाँ से आप और भी कई दर्शनीय स्थानों का भ्रमण कर सकते हैं जैसे तिरुपति बालाजी, रामेश्वरम्‌, कन्याकुमारी, तिरुचिरापल्ली, चिदम्बरम्‌, पाण्डिचेरी, महाबलीपुरम इत्यादि।