खूबसूरत महाबलेश्वर
समुद्र तल से 1372 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह महाराष्ट्र का सबसे अधिक ऊँचाई वाला लोकप्रिय व खूबसूरत पर्वतीय स्थल है। यह ब्रिटिशकाल में बॉम्बे प्रेसीडेंसी की ग्रीष्मकालीन राजधानी था। महाबलेश्वर की हरियाली से लबालब मनोरम दृश्यावलियाँ पर्यटक को स्वप्नलोक में विचरण करने को विवश कर देती हैं।
यह कृष्णा नदी का उद्गम स्थान है जो सह्य पर्वत से निकलती है। महाराष्ट्र व आंध्रप्रदेश से होते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है। यह 400 मील लंबी नदी है। पश्चिमी घाट में महाबलेश्वर का अपना अलग सम्मोहन है। हरे-भरे मोड़ों वाली घुमावदार सड़कों पर से आप जैसे-जैसे महाबलेश्वर की ओर बढ़ेंगे, वैसे-वैसे हवा की ताजगी व ठंडक महसूस कर आप अपनी शहरी थकान और चिन्ताओं को भूल जाएँगे।महाबलेश्वर जाने का असली मजा अपना वाहन लेकर जाने में है क्योंकि वहाँ स्थित 30 दर्शनीय स्थल देखने के लिए बस काम नहीं आती। जिप्सी, मारुति जीप, सिएरा या मोटरसाइकल पर जाने की बात कुछ और ही है। यह वेन्ना झील के आसपास 10 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैला हुआ है। महाबलेश्वर मुंबई से 247, पुणे से 120, औरंगाबाद से 348, पणजी से 430 कि.मी. दूर है। महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम यहाँ के लिए मुंबई व पुणे से विशेष लक्झरी बसें चलाता है। यहाँ खाने-पीने और ठहरने की सामान्य सुविधा उपलब्ध है। सन् 1828 में बॉम्बे प्रेसीडेंसी के गवर्नर सर जॉन मेलकम द्वारा खोजे गए महाबलेश्वर में देखने योग्य लगभग 30 पॉइंट हैं।
एलाफिस्टन पॉइंट, माजोरी पॉइंट, सावित्री पॉइंट, आर्थर पॉइंट, विल्सन पॉइंट, हेलन पॉइंट, नाथकोंट, लाकविग पॉइंट, बॉम्बे पार्लर, कर्निक पॉइंट और फाकलेंड पॉइंट वादियों का नजारा देखने के लिए आदर्श जगहें हैं।