पीएफ घोटाला मामले में आरोप पत्र दायर
सीबीआई ने गाजियाबाद की अदालतों में पीएफ घोटाले में शनिवार को 78 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तीन पूर्व न्यायाधीश और तीन जिला न्यायाधीश भी शामिल हैं।गाजियाबाद में एके सिंह की विशेष अदालत में दायर आरोपपत्र में आरपी यादव, आरएन मिश्रा और एके सिंह इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश शामिल हैं। वहीं आरपी मिश्रा, आरएस चौबे और अरुण कुमार गाजियाबाद के पूर्व जिला न्यायाधीश हैं।आरोप पत्र का ब्योरा देते हुए सीबीआई प्रवक्ता ने एक विज्ञप्ति में बताया कि जांच एजेंसी ने पाया कि 7.92 करोड़ रुपए के 781 ट्रेजरी चेक गाजियाबाद की जिला अदालत के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के नाम जारी किए गए जो अप्रैल 2000 से फरवरी 2008 के बीच जनरल प्रोविडेंट फंड निकालने से संबंधित थे।आरोप पत्र में कहा गया कि 781 मामलों में से 6.58 करोड़ रुपए मूल्य के 482 चेक धोखेबाजी से ड्रॉ किए गए।सीबीआई ने दावा किया है कि उसने पाया कि साल 2001-08 के दौरान तत्कालीन बिल क्लर्क ने कथित तौर पर छह जिला न्यायाधीशों के साथ आपराधिक साजिश रची और 6.58 करोड़ रुपए निकाले।आरोप पत्र में कहा गया है कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के नाम पर जीपीएफ की राशि निकालने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेज जमा किए गए।आरोप पत्र धारा 120 बी, धोखाधड़ी और जालसाजी तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत 77 लोगों के खिलाफ दायर किए गए। अस्थाना के नाम का दूसरे कॉलम में उल्लेख किया गया है क्योंकि उसकी मृत्यु हो गई है।सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि अस्थाना की असमय मौत से जाँच को करारा झटका लगा क्योंकि उसका इकबालिया बयान घटनाओं की गुम कड़ियों को साबित करने के लिए अहम था।सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि इसके बावजूद और इस मामले में अनेक दस्तावेजों के गायब होने के बाद भी सीबीआई ने इन झटकों को चुनौती के तौर पर लेते हुए इस मामले में जाँच पूरी की। (भाषा)