बार-बार भगवान बदलती हैं वसुंधरा
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कपिल भट्ट, जयपुरकांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी का कहना है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की किसी भगवान में स्थाई आस्था नहीं है, इसीलिए वे अपने भगवान बार-बार बदलती रहती हैं। जोशी ने 'नईदुनिया' से कहा कि पाँच साल पहले अपनी परिवर्तन यात्रा के समय वसुंधरा राजे ने चारभुजाजी में अपनी आस्था दिखाते हुए वहाँ से अपनी यात्रा शुरु की थी। उसके बाद वे त्रिपुर सुंदरी माता की शरण में चली गईं और उनको मानने लगीं। अब मुख्यमंत्री नाथद्वारा के श्रीनाथजी की शरण में आई हैं। इससे लगता है कि उनको किसी भगवान पर भरोसा नही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे रविवार को श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करने जा रही हैं। नाथद्वारा डॉ. जोशी का निर्वाचन क्षेत्र भी है। नाथद्वारा से मुख्यमंत्री के चुनाव अभियान शुरु करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जोशी ने यह कहा। उन्होंने कहा कि अच्छा हुआ कि मुख्यमंत्री को पांच सालों में श्रीनाथजी की याद तो आई। वैसे इस बात को पूरे प्रदेश की जनता जानती है कि मुख्यमंत्री ने श्रीनाथजी के अनन्य भक्त पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के साथ इन पांच सालों के दौरान कैसा व्यवहार किया है। जोशी ने कहा कि प्रजातंत्र में भगवान में श्रद्धा रखना अच्छा है लेकिन उन्हे इस तरह बार बार बदलना ठीक नहीं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे रविवार को नाथद्वारा से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करने के बाद छोटी सादडी, बूंदी, आसींद और भीलवाडा में भी चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगीं। भाजपा की ओर से इन चुनावों में कई नेता और अभिनेता प्रचार करने के लिए राजस्थान आएँगे। इनमें वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, अध्यक्ष राजनाथ सिंह, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, मुरली मनोहर जोशी,सुषमा स्वराज, शांता कुमार, विनय कटियार आदि नेताओं से लेकर शत्रुध्न सिंहा, विनोद खन्ना, हेमामालिनी, स्मृति ईरानी मल्होत्रा जैसे छोटे ओर बड़े पर्दे के सितारे तक शामिल हैं।बागियों पर कांग्रेस नरम : राजस्थान कांग्रेस विधानसभा चुनावों में अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ ताल ठोंक रहे बागियों के प्रति नरम रुख दिखा रही है। भाजपा ने जहाँ शुक्रवार को अपनी पार्टी से बगावत करने वाले 17 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया वहीं कांग्रेस अभी तक ऐसा करने से बचती नजर आ रही है। कांग्रेस के प्रवक्ता और सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने शनिवार को इस बारे पूछे जाने पर कहा कि चुनावों में पहला लक्ष्य जीत हासिल करना होता है। हालाँकि उन्होंने भरोसा जताया कि पार्टी से बगावत करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई जरूर की जाएगी, लेकिन उन्होंने इसकी कोई समय सीमा नही बताई।कांग्रेस के पचास से ज्यादा बागी नेता इस समय चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। इनमें पूर्व मंत्री परसादीलाल मीणा, भीमराज भाटी, दिग्विजय सिंह, द्वाररका प्रसाद बैरवा, हरजीराम बुरडक आदि प्रमुख हैं। बगावत से कांग्रेस मारवाड़ में सबसे ज्यादा आहत नजर आ रही है। हालाँकि कांग्रेस ने अपने बागियों को मनाने की कुछ कोशिशें तो की हैं लेकिन इस बारे में वह ज्यादा गंभीर नजर नही आ रही।