Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) ,
शुक्रवार, 18 जुलाई 2008 (20:05 IST)
शीर्ष 10 में जगह बनाना चाहते हैं सुरेंद्र
गढ़वाल रेजीमेंट के जवान सुरेंद्रसिंह ने चार साल पहले सोचा भी नहीं था कि वे ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
सुरेंद्र तब एक क्रास कंट्री धावक थे। उन्हें 5 हजार और 10 हजार मीटर की दौड़ में अपनी क्षमता का ज्ञान नहीं था, लेकिन जब वे पुणे के सेना खेल संस्थान (एएसआई) में ऑपरेशन ओलिम्पिक मेडल मिशन के तहत पहुँचे तो उन्हें अपनी क्षमता पता चली।
पुणे में 2004 में हुई एशियाई क्रास कंट्री में सुरेंद्र ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था और अपने कोच रिदमल सिंह की सलाह पर उन्होंने 5 हजार और 10 हजार मीटर की स्पर्धाओं में भाग लेने का फैसला किया, तभी वे एएसआई की नजरों में आए।
उन्हें लंबी दूरी की स्पर्धाओं में खुद को ढालने में ज्यादा समय नहीं लगा, क्योंकि वे बेंगलुरु में राष्ट्रीय कोच निकोलई स्नेसारेव की अगुआई में भारतीय टीम में स्थान बनाने में सफल रहे।
ओलिम्पिक के लिए 'बी क्वालीफिकेशन मार्क' हासिल कर चुके सुरेंद्र अब भारत की तरफ से 10 हजार मीटर में भारत के शीर्ष उम्मीदवार हैं।