Last Modified: नई दिल्ली ,
रविवार, 3 जून 2007 (20:54 IST)
अलगाववादियों के बिना होगा गोल मेज सम्मेलन
कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह द्वारा गठित कार्यबल की सिफारिशों पर अहम चर्चा के लिए 24 अप्रैल को नई दिल्ली में बुलाए गए तीसरे गोलमेज सम्मेलन में कोई भी नामचीन अलगाववादी संगठन शामिल नहीं होगा।
प्रधानमंत्री के सात रेस कोर्स रोड स्थित सरकारी आवास में प्रस्तावित इस सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के अलावा कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, पैंथर्स पार्टी, माकपा और भाजपा के साथ-साथ कश्मीरियों के कई प्रतिनिधि और क्षेत्रीय संगठन हिस्सा लेंगे।
इसके पहले गत वर्ष फरवरी और मई में हुए गोलमेज सम्मेलनों का हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों के साथ-साथ राज्य के तकरीबन सभी अलगाववादी संगठनों ने बहिष्कार किया था।
गत वर्ष 24-25 मई को श्रीनगर में आयोजित दूसरे सम्मेलन के दौरान गठित पाँच में से चार कार्यबलों की ओर से दी गई सिफारिशों पर इस सम्मेलन में चर्चा की जाएगी।
कार्यबलों की ओर से राज्य में सुशासन, केन्द्र और राज्य के बीच संबंध मजबूत बनाने, पाकिस्तान के साथ रिश्ते बेहतर बनाने, परस्पर विश्वास बहाली के प्रयासों को बढ़ावा देने तथा आतंकवाद से प्रभावित लोगों की स्थिति सुधारने तथा राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने जैसे उपाय सुझाए गए हैं और जिन पर चर्चा की जानी है।
मीरवाइज का इन्कार : कश्मीर मसले पर प्रधानमंत्री के साथ दो दौर की बातचीत कर चुके हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूख ने बैठक में शिरकत करने के केन्द्र के निमंत्रण को ठुकराते हुए कहा है कि उसे पाकिस्तान को शामिल करते हुए ऐसी एक समानांतर बैठक बुलानी चाहिए।
जेकेएलएफ नेता यासीन मलिक ने सम्मेलन में पाकिस्तान और कश्मीरी जनता को शामिल नहीं किए जाने के विरोध में इसका बहिष्कार करने का ऐलान किया है।