वेलेंटाइन वीक स्पेशल : चॉकलेट डे
अरुंधती आमड़ेकर
हैप्पी चॉकलेट डे...वेलेंटाइन वीक का तीसरा और रिश्तो में मिठास घोलने का डे यानी चॉकलेट डे। एक स्वीट डिश के रूप में तो चॉकलेट मशहूर है ही लेकिन जब बात आती है इजहार-ए-मोहब्बत की तब चॉकलेट की महत्ता और बढ़ जाती है। प्यार के इजहार के साथ-साथ कई अनेक मर्जों की दवा है चॉकलेट। प्यार का इजहार करना हो तो फूलों के साथ चॉकलेट, रूठी गर्लफ्रेंड को मनाना हो तो चॉकलेट, रोते बच्चे को हसाना हो तो चॉकलेट, अपनों मे बीच खुशियां बांटना हो तो चॉकलेट, खाने के बाद कुछ मीठा खाना हो तो चॉकलेट...देखा कितने काम की चीज है यह चॉकलेट। तभी तो एक पूरा दिन ही चॉकलेट के नाम कर दिया गया। हर साल 9 फरवरी को हम चॉकलेट डे के रूप में मनाते हैं, जो वेलेंटाइन वीक का एक खास दिन है इस दिन खासतौर पर प्यार करने वाले एक-दूसरे को चॉकलेट भेंट कर अपने दिल की बात कहते हैं। लेकिन सोचिए अगर हमें तीखी चॉकलेट खिलाई जाती तो? अगर कोई पूछता कि क्या आप चॉकलेट पीना पसंद करेंगे? तब क्या होता...प्यार का इजहार शायद फिर कुछ तीखा हो गया होता। बहुतों को शायद चॉकलेट पसंद ही नहीं होती। चॉकलेट शायद इसीलिए इतनी हिट है क्योंकि वो स्वीट है, लेकिन आज चॉकलेट के जिस मीठे रूप को हम जानते हैं, शुरु में चॉकलेट ऐसी नहीं थी। आइए जानते हैं चॉकलेट के इतिहास के बारे में : चॉकलेट का इतिहास'
चॉकलेट' इस शब्द के बारे में बहुत से तथ्य हैं। कुछ के अनुसार यह शब्द मूलत: स्पैनिश भाषा का शब्द है। ज्यादातर तथ्य बताते हैं कि चॉकलेट शब्द माया और एजटेक सभ्यताओं की पैदाइश है जो मध्य अमेरिका से संबंध रखती हैं। एजटेक की भाषा नेहुटल में चॉकलेट शब्द का अर्थ होता है खट्टा या कड़वा।चॉकलेट की प्रमुख सामग्री केको या कोको के पेड़ की खोज 2000 वर्ष पूर्व अमेरिका के वर्षा वनों में की गई थी। इस पेड़ की फलियों में जो बीज होते हैं उनसे चॉकलेट बनाई जाती है। सबसे पहले चॉकलेट बनाने वाले लोग मैक्सिको और मध्य अमेरिका के थे और यह चॉकलेट खाने की नहीं बल्कि पीने की चीज हुआ करती थी। 1528
में स्पेन ने जब मैक्सिको पर कब्जा किया तो वहां का राजा भारी मात्रा में कोको के बीजों और चॉकलेट बनाने के यंत्रों को अपने साथ स्पेन ले गया। जल्दी ही स्पेन में चॉकलेट रईसों का फैशनेबल ड्रिंक बन गया।इटली के एक यात्री फ्रेंसिस्को कारलेटी ने सबसे पहले चॉकलेट पर स्पेन के एकाधिकार को खत्म किया। उसने मध्य अमेरिका के इंडियंस को चॉकलेट बनाते देखा और अपने देश इटली में भी चॉकलेट का प्रचार प्रसार किया। 1606 तक इटली में भी चॉकलेट प्रसिद्ध हो गई।फ्रांस ने 1615 में ड्रिंकिंग चॉकलेट का स्वाद चखा। फ्रांस के लोगों को यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभदायक पदार्थ लगा। इंग्लैंड में चॉकलेट की एंट्री 1650 में हुई। अभी तक लोग चॉकलेट को पीते थे। आपको जानकार आश्चर्य होगा की पहले चॉकलेट तीखी हुआ करती थी। अमरिका के लोग कोको बीजों को पीसकर उसमें विभिन्न प्रकार के मसाले जैसे चिली वॉटर, वनीला, आदि डालकर एक स्पाइसी और झागदार तीखा पेय पदार्थ बनाते थे। चॉकलेट को मीठा बनाने का श्रेय यूरोप को जाता है। अंग्रेज डॉक्टर 'सर हैंस स्लोने' ने दक्षिण अमेरिका का दौरा किया और खाने वाली चॉकलेट की रेसिपी तैयार की और चॉकलेट से मिर्च हटाकर दूध और शक्कर डाली। कैडबरी मिल्क चॉकलेट की रेसिपी इन्होंने ही बनाई। चॉकलेट को पीने की चीज से खाने की चीज भी यूरोप ने ही बनाया। तब से ही चॉकलेट खाने की चीज बन गई और मीठी हो गई। आज अनेकों रूप में चॉकलेट लोगों के रिश्तों में अपने स्वाद की तरह ही मिठास घोल रही है। हर आयु वर्ग के लोगों की यह पसंदीदा स्वीट डिश है। चॉकलेट्स आज के जमाने में गिफ्ट्स का एक बढ़िया विकल्प है। चॉकलेट डे, वेलेंटाइन डे और अन्य मौकों के लिए बाजार में चॉकेलट्स के विशेष गिफ्ट पैक मौजूद रहते हैं जिसे आप अपने प्रियों को भेंट कर अपने रिश्तों को ज्यादा मधुर और मजबूत बना सकते हैं। तब फिर देर किस बात की खरीदिए अपनी इच्छानुसार चॉकलेट और अपने प्रिय को देकर सेलिब्रेट कीजिए आज का मीठा और प्यार भरा 'चॉकलेट डे'।