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Written By वार्ता

हसी को सचिन की बजाय राहुल हैं पसंद

हसी को सचिन की बजाय राहुल हैं पसंद -
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मिस्टर क्रिकेटर के नाम से विख्यात ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी माइक हसी ने खुलासा किया है कि उन्हें मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर से अधिक पसंद राहुल द्रविड़ हैं, क्योंकि उनका खेल के प्रति बिल्कुल अलग ही नजरिया है।

हसी ने गुरुवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सचिन भी महान खिलाड़ी हैं, लेकिन मुझे खेल के प्रति अलग दृष्टिकोण रखने वाले द्रविड़ अधिक पसंद हैं। द्रविड़ का गुण ही ऐसा है कि वह चहेते खिलाड़ी हो जाते हैं।

द्रविड़ का कभी हार न मानने वाला जज्बा, उनकी हिम्मत और दृढ़ता उन्हें भीड़ से अलग पहचान देती है। हालांकि द्रविड़ ने हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान कोई कमाल नहीं दिखाया था, लेकिन हसी इसे द्रविड़ के करियर पर लगा कोई धब्बा नहीं मानते। द्रविड़ ऑस्ट्रेलियाई दौरे के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं।

उन्होंने कहा कि द्रविड़ ने वर्षों तक शानदार प्रदर्शन किया और वह जहां भी गए, उनके बल्ले ने आग उगली और वह साथ ही बहुत नम्र भी हैं। सिरीज में द्रविड़ का प्रदर्शन भले ही अच्छा न रहा हो, लेकिन वह टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ियों में तीसरे नंबर पर हैं।

आईपीएल के पांचवें संस्करण में चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से खेल रहे हसी ने कहा कि भले ही घरेलू स्तर पर भारत के पास कितने ही अच्छे खिलाड़ी क्यों न हो, लेकिन टीम इंडिया के लिए द्रविड़़ जैसा खिलाड़ी मिलना लगभग असंभव ही है।

उन्होंने कहा कि टीम इंडिया के लिए राहत की बात यह है कि उसके पास विराट कोहली, सुरेश रैना, चेतेश्वर पुजारा और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी हैं। विराट ने अपने प्रदर्शन से यह दिखा दिया है कि वह विश्वस्तर के खिलाड़ी हैं। इसके अलावा भी यहां बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं और क्रिकेट जिस तरह यहां लोकप्रिय है।

उससे यह कहा जा सकता है कि भारत में कभी भी अच्छे खिलाड़ी की कमी नहीं होगी। हसी ने विश्वकप जीत के लिए टीम इंडिया के कप्तान महेंद्रसिंह धोनी को श्रेय देते हुए कहा कि टीम ने भले ही उनके नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया में शर्मनाक तरीके से सिरीज गंवाई, लेकिन इसके लिए धोनी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

टीम इंडिया ने वनडे और टेस्ट क्रिकेट दोनों फार्म में सर्वोच्च स्थान हासिल किया था, लेकिन वह इस जगह पर टिकी नहीं रह सकती। इंग्लैंड ने उन्हें करारी शिकस्त दी और हम भी वह सिरीज जीतने के लिए बेताब थे, लेकिन इसके लिए यह कहना गलत होगा कि टीम इंडिया अब वैसी नहीं रही जैसी पहले थी। (वार्ता)