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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 29 मई 2013 (15:37 IST)

वार्मअप मैचों में कड़ी मेहनत करूंगा- भुवनेश्वर

वार्मअप मैचों में कड़ी मेहनत करूंगा- भुवनेश्वर -
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नई दिल्ली। चैंपियंस ट्रॉफी के लिए इंग्लैंड की पिचें तेज गेंदबाजों के अनुकूल होने से भुवनेश्वर कुमार उत्साहित नहीं हैं और उनका कहना है कि अनुशासित गेंदबाजी के लिए वे नेट और अभ्यास मैचों में कड़ी मेहनत करेंगे।

चैंपियंस ट्रॉफी के लिए रवानगी से पहले इंटरव्यू में भारतीय टीम के इस युवा तेज गेंदबाज ने कहा कि यह मेरा पहला इंग्लैंड दौरा है लेकिन मैंने काफी सुना है कि वहां हालात तेज गेंदबाजों के अनुकूल होंगे। मैं हालांकि इससे उत्साहित नहीं हूं, क्योंकि सिर्फ अनुकूल हालात से सफलता नहीं मिलती।

इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज केविन पीटरसन से लेकर भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी तक सभी ने इंग्लैंड की पिचों पर मिलने वाली स्विंग के कारण भारतीय तेज गेंदबाजों के अच्छे प्रदर्शन का यकीन जताया है।

भारतीय टीम में भुवनेश्वर के अलावा ईशांत शर्मा, उमेश यादव, विनय कुमार और इरफान पठान तेज गेंदबाजी का जिम्मा संभालेंगे जबकि स्पिन की कमान आर. अश्विन और अमित मिश्रा के हाथ में रहेगी।

पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान के खिलाफ एक दिवसीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले भुवनेश्वर ने कहा कि मेरा फोकस लाइन और लैंग्थ पर रहेगा। अनुशासित गेंदबाजी करने से ही सफलता मिलेगी। सबसे जरूरी हालात के अनुकूल खुद को जल्दी ढालना होगा।

उन्होंने कहा कि कोशिश करूंगा कि नेट पर ज्यादा से ज्यादा मेहनत करूं और अभ्यास मैचों का पूरा फायदा उठा सकूं। भारत को 1 और 4 जून को अभ्यास मैच खेलने हैं। चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का पहला मैच 6 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से होगा।

अब तक आठ वनडे मैचों में 9 विकेट ले चुके भुवनेश्वर ने कहा कि भले ही चैंपियंस ट्रॉफी उनके अंतरराष्ट्रीय करियर में अब तक का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है लेकिन वे कतई नर्वस नहीं है।

उन्होंने कहा कि मैं बिलकुल नर्वस नहीं हूं। मैंने कोई विशेष तैयारी भी नहीं की है और न ही अपनी गेंदबाजी तकनीक में कोई बदलाव किया है। मेरा भरोसा बेसिक्स पर डटे रहने पर है और उम्मीद है कि लाइन और लैंग्थ बरकरार रखकर मैं सफलता हासिल कर सकूंगा।

इंडियन प्रीमियर लीग में पुणे वॉरियर्स के लिए खेलने वाले मेरठ के इस तेज गेंदबाज का कहना है कि उनकी टीम भले ही आठवें स्थान पर रही लेकिन उन्हें बेहतरीन बल्लेबाजों के खिलाफ पर्याप्त अभ्यास मिला।

उन्होंने कहा कि रणजी ट्रॉफी में उत्तरप्रदेश फाइनल तक पहुंचा। उसके बाद आईपीएल में पुणे ने 16 लीग मैच खेले, जो अभ्यास की दृष्टि से कम नहीं है। अब टी-20 प्रारूप से एक दिवसीय प्रारूप में खुद को ढालने की चुनौती है, जो अधिक मुश्किल नहीं होगी।

रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई के स्टार बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को घरेलू क्रिकेट में पहली बार शून्य पर आउट करने वाले भुवनेश्वर ने कहा कि सीनियर खिलाड़ियों और खासतौर पर टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार से उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के लिए कई उपयोगी टिप्स मिले हैं।

उन्होंने कहा कि सीनियर्स से बात करने से हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता है। उनके अलावा प्रवीण कुमार ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है, जो मेरे शहर और एक ही अकादमी से है। उम्मीद है कि मैं उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतर सकूंगा। (भाषा)