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Written By WD
Last Modified: मंगलवार, 18 दिसंबर 2012 (11:59 IST)

धोनी को हटाओ, विराट को लाओ!

धोनी को हटाओ, विराट को लाओ! -
घरेलू जमीन पर इंग्लैंड के हाथों टेस्ट सीरीज में मिली हार के बाद भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी के खिलाफ वरिष्ठ क्रिकेटर लामबंद होने लगे हैं। महान बैट्समैन सुनील गावस्कर के अलावा कई पूर्व क्रिकेटर जैसे पूर्व चीफ सिलेक्टर के. श्रीकांत, अतुल वासन और अब्बास अली बेग उन्हें हटाने की बात कर रहे हैं।
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पिछले 18 महीनों में भारत के खराब प्रदर्शन के बाद यह दिग्गज टेस्ट कप्तान को बदल और विराट कोहली को कप्तानी सौंपने की हिमायत कर रहे हैं।

इंग्लैंड ने नागपुर में चौथा और अंतिम टेस्ट ड्रॉ कराके 2-1 की जीत के साथ भारत में 28 साल बाद टेस्ट सीरीज जीती। गावस्कर ने इसके बाद कहा, 'इस टेस्ट के चौथे दिन तक मैं कहता रहा कि महेंद्र सिंह धोनी का कोई विकल्प नहीं है लेकिन विराट के मुश्किल हालात में सेंचुरी जड़ने के बाद मुझे लगता है कि उसने अपने बारे में अच्छी चीज खोज ली है। मुझे लगता है कि वह जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है। मुझे लगता है कि इसकी ओर सकारात्मक तरीके से देखा जाना चाहिए क्योंकि यहीं भविष्य है।'
क्यों है धोनी से नाराजगी, अगले पन्ने पर...

पूर्व चीफ सिलेक्टर श्रीकांत का मानना है कि धोनी कप्तानी के भार के बिना ज्यादा बेहतर साबित हो सकते हैं। श्रीकांत ने कहा, 'धोनी की कप्तानी नीरस हो गई है और वह नहीं जान पा रहे हैं कि जब चीजें हाथ से छूट रहीं हों, तो क्या करना चाहिए। उन्हें अब टेस्ट कप्तान नहीं होना चाहिए।

अगर मैं चीफ सिलेक्टर होता तो धोनी को विकेटकीपर और बैट्समैन के रूप में टीम में चुनता। मैं धोनी को विकेटकीपर और बैट्समैन इसलिए चुनता क्योंकि उसका क्रिकेट को दिया गया योगदान काफी अहम है। मुझे लगता है कि अगर वह कप्तानी नहीं करेगा तो टीम को ज्यादा बेहतर योगदान दे सकता है।'

पूर्व क्रिकेटर अब्बास अली बेग ने भी कप्तानी में बदलाव की मांग की और कहा कि कोहली को यह जिम्मेदारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'हमें भविष्य के बारे में सोचना होगा और इसी के अनुसार योजना बनानी होगी।'

पूर्व भारतीय स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने भी धोनी को कप्तानी से हटाने की मांग की। उन्होंने कहा, 'धोनी को खुद को भाग्यशाली मानना चाहिए कि वह अब भी कप्तान हैं। अगर टाइगर पटौदी या सुनील गावस्कर ने इतने टेस्ट गंवा दिए होते तो वे इतने लंबे समय तक नहीं टिके रहते। उन्होंने कप्तान बने रहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया है। उन्हें वर्ल्ड कप जीत के बाद ही हटा देना चाहिए था। वह टेस्ट कप्तान नहीं है। आपको ऐसे कप्तान की जरूरत होती है जो आखिरी ग्यारह खिलाड़ियों में अपनी जगह का दावेदार हो। मुझे बताइए कि उनके 99 रन टीम के किसी काम के थे?'
आखिर क्यों सौपना चाहते हैं विराट को कमान, अगले पन्ने पर..

बेदी का मानना है कि कोहली को टीम की कमान सौंपनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'आप ऐसा नहीं कह सकते कि हम किसी और खिलाड़ी को कप्तान नहीं बना सकते? मैं विराट कोहली को कप्तान बनाऊंगा। उनके पास तेज क्रिकेटिया दिमाग है। आपको युवाओं पर भरोसा करना होगा। यह युवा खिलाड़ियों का खेल है। हम लंबे समय से उम्रदराज खिलाड़ियों को ढो रहे हैं।'

धोनी को 2007 वर्ल्ड ट्वेंटी-20 चैम्पियनशिप जीतने के बाद 'कैप्टन कूल' पुकारा जाने लगा, लेकिन पिछले दो साल में विदेशी सरजमीं पर टेस्ट में खराब प्रदर्शन से उन पर सवाल उठने लगे। इंग्लैंड के हाथों घरेलू सीरीज गंवाने से राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण के संन्यास लेने के बाद भारत की बैटिंग की खामियां उजागर हो गईं। धोनी ने कोलकाता टेस्ट में मिली हार के बाद कहा था, 'मेरे लिए सबसे आसान चीज यह कहना होगा कि मैं कप्तानी छोड़ना चाहता हूं और इस टीम का हिस्सा बने रहना चाहता हूं। लेकिन यह जिम्मेदारी से भागने की बात होगी। निश्चित रूप से दूसरे ही इस पर फैसला करेंगे। बीसीसीआई और प्रशासनिक लोग, जो कप्तानी तय करते हैं।'

पिछले दो सालों में भारत का टेस्ट मैचों में जीतने का प्रतिशत 33.33 का है। इस दौरान खेले गए 22 टेस्ट में भारत ने महज सात जीते हैं, 10 में टीम को हार मिली है और पांच ड्रॉ रहे हैं। दिलचस्प बात है कि टीम कुछ समय पहले आईसीसी रैंकिंग में टॉप पर काबिज थी। इन जीतों में से पांच जीत घरेलू सरजमीं पर मिली हैं। धोनी की अगुवाई में विदेशी सरजमीं पर टीम ने 13 में से आठ मैच गंवाए हैं और पिछले दो साल में केवल दो जीत दर्ज की हैं।