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Written By भाषा
Last Updated :कानपुर (भाषा) , बुधवार, 9 जुलाई 2014 (19:56 IST)

धोनी की कामयाबी में एक और तमगा

पीयूष चावला धोनी कुंबले टेस्ट
महेन्द्रसिंह धोनी शुक्रवादेश ऐसे हले विकेटकीपर बनने का गौरव हासिल कर लिया जो भारत की‍ एकदिवसीय टीम के साथ-साथ टेस्ट टीम का नेतृत्व भी कर रहे हैं

मौजूदा कप्तान अनिल कुंबले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरा क्रिकेट मैच शुरू होने के कुछ घंटे पहले तक भी फिट नहीं हो सके, जिसके कारण धोनी को यह जिम्मेदारी मिली।

कुंबले का गुरुवार को फिटनेस टेस्ट होना था, जिसे इस उम्मीद के साथ आज सुबह तक टाल दिया गया कि शायद वह ग्रोइन चोट से पूरी तरह से उबर जाए और निर्णायक टेस्ट में खेल सकें।

अहमदाबाद टेस्ट के दौरान भी कुंबले का फिटनेस टेस्ट होना था, लेकिन उन्‍होंने इस टेस्ट में खेलने का फैसला किया था। भारत यह टेस्ट तीन दिन में ही एक पारी और 90 रन से हार गया था।

कुंबले के इस टेस्ट में नहीं खेलने से भारत के ट्वेंटी-20 कप्तान धोनी को टेस्ट में भी अपनी कप्तानी के जौहर दिखाने का मौका मिल गया। लेकिन भारत को इस टेस्ट में शुरुआती लाभ नहीं मिल सका और मेजबान टीम टॉस हार गई। इस पिच के बारे में कहा जा रहा है कि यह धीरे-धीरे टूटने लगेगी।

कुंबले की गैरमौजूदगी से युवा लेग स्पिनर पीयूष चावला को लंबे समय बाद टीम में वापसी का मौका मिला। चावला को हाल में वन-डे टीम में कभी शामिल और कभी बाहर रखा जाता रहा है।

सन 2006 में अपने करियर की शुरूआत करने वाले चावला का यह पदार्पण के बाद पहला टेस्ट है। चावला ने अपने चयन को सही साबित करते हुए अपने पहले ही ओवर में अफ्रीकी सलामी बल्लेबाज मैकेंजी को आउट कर दिया।