Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) ,
बुधवार, 13 जून 2007 (16:47 IST)
कैमरे से मुँह चुराते रहे बोर्ड अधिकारी
ग्राहम फोर्ड के इंकार से आहत भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी मंगलवार को यहाँ कैमरों की चमक के सामने अपनी निराशा छिपाने की कोशिश करते रहे।
बोर्ड के अधिकारियों ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सामने मुस्कुराने की कोशिश की, लेकिन पूर्व कप्तान सुनील गावसकर और रवि शास्त्री के पहुँचने से साफ हो गया कि अब बीसीसीआई के लिए यह मामला बहुत गंभीर हो गया है।
बीसीसीआई सचिव निरंजन शाह ने हालाँकि कहा कि वह फोर्ड के फैसले से निराश नहीं है और बोर्ड के पास उनके अलावा कई और विकल्प हैं।
कोच चयन समिति के सदस्य कार्यकारिणी की बैठक शुरू होने के 25 मिनट बाद पहुँचे और 35 मिनट तक बोर्ड के सदस्यों के साथ मंत्रणा करने के बाद चले गए। बोर्ड ने कोच के लिए फोर्ड का चयन किया था, लेकिन इंग्लैंड काउंटी केंट के साथ अनुबंध के कारण उन्होंने बीसीसीआई की पेशकश को ठुकरा दिया। शास्त्री ने पत्रकारों की गुहार पर सिर्फ इतना कहा कि बयान का इंतजार कीजिए।
इससे पहले वैसे बोर्ड के सदस्य मीडिया से बचने की कोशिश में लगे रहे। शाह उपाध्यक्ष, ललित मोदी और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रत्नाकर शेट्टी सहित विभिन्न राज्य क्रिकेट संघों के प्रतिनिधि दो बजे से पहले बैठक स्थल पर पहुँच चुके थे।
पूर्व अध्यक्ष आईएस बिंद्रा बाद में पहुँचने वालों में शामिल थे, जबकि बोर्ड प्रमुख शरद पवार पीछे के दरवाजे से बैठक में पहुँचे। पूर्व अध्यक्ष राजसिंह डुंगरपुर के तीन बजे पहुँचने के बाद ही बैठक शुरू हुई।
इस बीच अधिकारी कोच के मसले पर बात करने से बचते रहे। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि यह बैठक के एजेंडे में शामिल है।
भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ चार बजकर 10 मिनट पर पहुँचे, लेकिन वह भी शास्त्री को फोन पर बात करने का इशारा करके चुपके से पिछले दरवाजे से अंदर चले गए। द्रविड़ ही वह शख्स थे जिन्होंने फोर्ड को भारतीय कोच पद के लिए आवेदन करने को कहा था और उनके अलावा कई अन्य सीनियर क्रिकेटरों ने भी फोर्ड का पक्ष लिया था।
फोर्ड के इंकार की झल्लाहट द्रविड़ के चेहरे पर भी दिख रही थी। द्रविड़ वैसे तो इंग्लैंड और आयरलैंड दौरे के लिए टीम के चयन के संबंध में यहाँ पहुँचे हैं, लेकिन बोर्ड के पदाधिकारी कोच के चयन पर अंतिम फैसला करने से पहले उनकी राय भी जरूर लेंगे।