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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 30 नवंबर 2009 (09:35 IST)

सरकार को उपलब्ध कराना होगा नेटवर्क

नंबर पोर्टेबिलिटी
दूरसंचार विभाग देश में मोबाइल फोन नंबर पोर्टेबिलिटी प्रणाली के लागू होने के बाद दूरसंचार सेवा कंपनियों के नेटवर्क को सुरक्षा एजेंसियों की विधिवत पकड़ और निगरानी (लिम) में रखना चाहता है।

नंबर पोर्टबिलिटी सुविधा अगले माह के अंत से शुरू हो रही है, जिसके तहत ग्राहक दूसरी कंपनी के सिम कार्ड पर अपना पुराना नंबर चालू रख सकते हैं।

विभागीय परिपत्र के अनुसार दूरसंचार विभाग सभी दूरसंचार कंपनियों को इस बारे में जल्दी ही दिशा-निर्देश जारी कर सकता है कि वे अपने नेटवर्क की पहुँच सुरक्षा एजेंसियों तक सुनिश्चित करें, ताकि ग्राहकों को ‘लाफूल इंटरसेप्शन एंड मॉनिटरिंग’ (लिम) के दायरे में रखा जा सके।

दूरसंचार विभाग ‘मोबाइल क्लियरिंग हाउस’ की प्रति नियमित तौर पर गृह मंत्रालय को उपलब्ध कराएगा, ताकि एजेंसियाँ ग्राहकों के परिचालक बदलने की अद्यतन जानकारी प्राप्त कर सकें। मोबाइल क्लियरिंग हाउस एक ऐसा सर्वर है, जहाँ सेवा प्रदाताओं को बदलने के बारे में पूरी जानकारी होगी।

इससे सुरक्षा एजेंसियों को किसी लक्षित नंबर पर नजर रखने में मदद मिलेगी। सुरक्षा एजेंसी जरूरत पड़ने पर परिचालक से कॉल से संबंधित विस्तृत जानकारी माँग सकते हैं। भारत में नंबर पोर्टेबिलिटी 31 दिसंबर से महानगरों में लागू होगी। (भाषा)