Last Modified: नई दिल्ली ,
बुधवार, 30 मार्च 2011 (19:44 IST)
ब्रॉडबैंड की पहुँच बढ़ाने के लिए बैठक
दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने बुधवार को मोबाइल ऑपरेटरों के साथ बैठक में राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड योजना (एनबीपी) पर विचार-विमर्श किया। इस योजना के तहत 2014 तक देश के 16 करोड़ लोगों को द्रुत गति की इंटरनेट सुविधा तथा ई-प्रशासन सेवाएँ मुहैया कराई जाएगी।
इस बैठक में विभिन्न ऑपरेटरों के प्रतिनिधि तथा सीओएआई और ऑस्पी जैसे संगठन शामिल हुए। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन (सीओएआई) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दूरसंचार विभाग (डॉट) ने राष्ट्रीय आप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) पर प्रस्तुतीकरण दिया।
सीओएआई ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इससे एक सुविधाजनक बैकहॉल कनेक्टिविटी मिल सकेगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत को वायरलेस ब्रॉडबैंड कनेक्शन मुहैया कराने के लिए एनएफओएन की लागत 20000 करोड़ रुपए बैठेगी। सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल को तीन साल में इसे पेश करना है।
ऑपरेटरों ने एनएफओएन के प्रति अपना समर्थन जताते हुए कहा कि यूनिवर्सल सर्विस ओब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) का इस्तेमाल इस नेटवर्क पर उचित तरीके से किया जाना चाहिए।
दूरसंचार नियामक ट्राई ने पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड नेटवर्क बनाने के लिए अपनी सिफारिशें दी थीं। इस पर अनुमानत: 60000 करोड़ रुपए की लागत आएगी। ये सिफारिशें ऐसे समय आई थीं, जब सरकार 2010 तक दो करोड़ ब्रॉडबैंड कनेक्शन मुहैया कराने के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाई थी। (भाषा)